दिल्ली प्रदूषण : सुप्रीम कोर्ट का केंद्र और दिल्ली सरकार से सवाल,दिल्ली सरकार ने किया सेप्टिक टैंक मुख्यमंत्री योजना का शुभारंभ,निःशुल्क होगी सेप्टिक टैंक की सफाई
शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से कहा कि प्रदूषण संकट से निपटने के लिए दिल्ली में वायु एयर प्यूरीफायर टावर लगाने के लिए एक रोड मैप तैयार करें। अदालत ने दिल्ली सरकार से भी कहा कि आज दिल्ली में एक्यूआई लेवल तकरीबन 600 है। ऐसे में लोग कैसे सांस लेंगे? इस बीच दिल्ली सरकार ने स्वच्छता की दिशा में कारगर कदम उठाया है। सरकार ने शुक्रवार को सेप्टिक टैंक मुख्यमंत्री योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत दिल्ली में सेप्टिक टैंकों की सफाई निःशुल्क हो सकेगी।
देश की सर्वोच्च अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के मद्देनजर सख्त निर्देश दिए हैं। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से कहा कि प्रदूषण संकट से निपटने के लिए दिल्ली में वायु एयर प्यूरीफायर टावर लगाने के लिए एक रोड मैप तैयार करें। अदालत ने दिल्ली सरकार से भी कहा कि आज दिल्ली में एक्यूआई लेवल तकरीबन 600 है। ऐसे में लोग कैसे सांस लेंगे?
इसी बीच दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने स्वच्छता की दिशा में कारगर कदम उठाया है। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने शुक्रवार को सेप्टिक टैंक मुख्यमंत्री योजना की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री अरविंद केरजीवाल ने योजना का ऐलान करते हुए कहा कि इससे दिल्ली में सेप्टिक टैंक में उतरकर अब किसकी मौत नहीं होगी और इससे दिल्ली व यमुना को साफ होगी।
केरजीवाल ने कहा कि अभी तक जो भी सेप्टिक टैंक साफ करते थे वो बिना किसी सुरक्षा उपकरणों के लोगों को उसमें उतर देते थे। इतना ही नहीं मलबा निकालकर उसे नाले में डाल देते थे, जिससे दिल्ली में और यमुना गंदी हो जाती है। लेकन आज से दिल्ली में 'मुख्यमंत्री सेप्टिक टैंक सफाई योजना' शुरू कर रहे हैं। इस योजना में सेप्टिक टैंक की फ्री में सफाई होगी।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इसके लिए अगले महीने टेंडर निकाला जाएगा। जिस कंपनी को टेंडर मिलेगा वह अपने 80 ट्रैक लगाएगी। कोई भी फोन करके सेप्टिक टैंक साफ करने की मांग कर सकता है। फिर उस शख्स को वो उसके हिसाब से समय दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि कंपनी सेप्टिक टैंक से मलबा उठाकर एसटीबी प्लांट में ले जाएगी। इस तरह से ऑथराइजड और लीगल तरीके से काम होगा और यह दिल्ली की सफाई की दिशा में बड़ा कदम होगा। यह यमुना की सफाई में बड़ा कदम होगा। उन्होंने कहा कि इससे सबसे ज्यादा फायदा दिल्ली की कच्ची कलोनियों में रहने वाले लोगों को फायदा होगा।
दिल्ली शुक्रवार को भी धुंध की मोटी चादर में लिपटी रही और लगातार चौथे दिन प्रदूषण का स्तर ''गंभीर' की श्रेणी में रहा। हवा की धीमी गति को प्रदूषण बढ़ने का एक बड़ा कारण बताया जा हा है, क्योंकि इसके कारण प्रदूषक तत्व एक ही स्थान पर ठहरे रहते हैं और यहां वहां छितर नहीं पाते। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शुक्रवार सुबह 10 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 467 दर्ज किया गया जो 'गंभीर की श्रेणी में आता है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार सभी निगरानी केंद्रों पर वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में पायी गई। अनेक स्थानों पर पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर सामान्य से कम से कम आठ गुना अधिक था। दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण के कारण छाई धुंध को देखते हुए स्कूल शुक्रवार को भी बंद रहे। सीपीसीबी के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद, गुड़गांव और गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता 'गंभीर की श्रेणी में दर्ज की गई। गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक सर्वाधिक 480 दर्ज किया गया।
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