महाराष्ट्र में 17 नवंबर को हो सकता है नए सरकार का ऐलान, शिवसेना,कांग्रेस और एनसीपी के नेता कल कर सकते हैं राज्यपाल से मुलाकात, सरकार गठन का हो चुका है फॉर्मूला तय

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के बीच सरकार बनाने के का रास्ता साफ होता दिख रहा है। महाराष्ट्र में जारी सियासी उठापटक जल्द ही थमने वाली है। प्रदेश की जनता को जल्द ही नई सरकार मिलती दिख रही है। राज्य में सरकार गठन का फॉर्मूला अब तय हो चुका है और माना जा रहा है कि शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के बीच आपसी सहमति भी बन चुकी है।

महाराष्ट्र में 17 नवंबर को हो सकता है नए सरकार का ऐलान, शिवसेना,कांग्रेस और एनसीपी के नेता कल कर सकते हैं राज्यपाल से मुलाकात, सरकार गठन का हो चुका है फॉर्मूला तय
Pic Meeting of Shivsena, Congress and NCP Leaders on Maharashtra
महाराष्ट्र में 17 नवंबर को हो सकता है नए सरकार का ऐलान, शिवसेना,कांग्रेस और एनसीपी के नेता कल कर सकते हैं राज्यपाल से मुलाकात, सरकार गठन का हो चुका है फॉर्मूला तय
महाराष्ट्र में 17 नवंबर को हो सकता है नए सरकार का ऐलान, शिवसेना,कांग्रेस और एनसीपी के नेता कल कर सकते हैं राज्यपाल से मुलाकात, सरकार गठन का हो चुका है फॉर्मूला तय

महाराष्ट्र में 17 नवंबर को नई सरकार का ऐलान हो सकता है। 17 नवंबर की तारीख इसलिए चुनी जा रही है क्योंकि इस दिन शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे की पुण्यतिथि है। कल यानी शनिवार को शिवसेना,कांग्रेस और एनसीपी के नेता राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी से मुलाकात करेंगे। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि तीनों दलों के नेता राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं। और फिर 17 नबंबर को सरकार गठन का ऐलान हो सकता है।

तीनों दलों के बीच कॉमन मिनिमम फॉर्मुले पर भी बात बन गई है। एनसीपी नेता नवाब मलिक ने इस बावत कहा, ‘एक सवाल बार-बार पूछा जा रहा है कि शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा क्या? मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी और शिवसेना में विवाद हुआ था। ऐसे में हम मुख्यमंत्री पद की दावेदारी नहीं करने जा रहे हैं। निश्चित रूप से मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा।'नवाब मलिक ने कहा,'शिवसेना को अपमानित किया गया है, हमारी जिम्मेदारी बनती है कि उनका स्वाभिमान और सम्मान बनाए रखना, ये हमारी जिम्मेदारी है और इसपर हमारी किसी प्रकार की आपत्ति नहीं है।’

शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस नेताओं की हुई बैठक के बाद निकलकर सामने आया कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा और 50-50 फॉर्मूला कांग्रेस और एनसीपी को मिलेगा। जिसके तहत ढाई-ढाई साल तक उपमुख्यमंत्री का पद कांग्रेस और एनसीपी के पास होगा।  शिवसेना और एनसीपी को 14-14 मंत्री पद मिलेंगे। जबकि कांग्रेस को 12 मंत्री के पद दिए जाएंगे। इसके अलावा विधानपरिषद अध्यक्ष का पद शिवसेना के पास तो विधानसभा अध्यक्ष का पद कांग्रेस के पास होगा।

आपको बताते चलें कि 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी और शिवसेना ने एक साथ चुनाव लड़ा था, जिसमें बीजेपी ने 105 सीटें जीती थीं। वहीं, शिवसेना ने राज्य की 56 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री के पद को लेकर पैदा हुए गतिरोध के कारण दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे से किनारा कर लिया।

बीजेपी ने घोषणा कर दी कि वह राज्य में अकेले सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में राज्यपाल ने राज्य की दूसरी बड़ी पार्टी शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता दिया। लेकिन शिवसेना एनसीपी के साथ दिए गए समय में समर्थन पेश नहीं कर सकी, जिसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है।