दिल्ली प्रदूषण : सुप्रीम कोर्ट का AAP की सरकार को फटकार, कहा-कुर्सी पर बैठने का नहीं है 'आप' को अधिकार, राजधानी की हालत नरक से भी बदतर

दिल्ली में प्रदूषण मामले की सुनवाई कर रहे जज अरुण मिश्रा ने कहा कि वायु के साथ जल प्रदूषण पर भी हमें स्वतः संज्ञान लेना होगा कि क्या दिल्ली के लोगों को पीने का पानी सुरक्षित है या नहीं। पानी के नमूनों की रिपोर्ट को अदालत में पेश करने के लिए दिल्ली और केंद्र दोनों को ही आदेश दे दिए हैं। अदालत ने पराली जलाने को लेकर पंजाब और हरियाणा सरकार को भी कड़ी फटकार लगाई

दिल्ली प्रदूषण : सुप्रीम कोर्ट का AAP की सरकार को फटकार, कहा-कुर्सी पर बैठने का नहीं है 'आप' को अधिकार, राजधानी की हालत नरक से भी बदतर
GFX Supreme Court of India with Delhi CM Arvind Kejriwal
दिल्ली प्रदूषण : सुप्रीम कोर्ट का AAP की सरकार को फटकार, कहा-कुर्सी पर बैठने का नहीं है 'आप' को अधिकार, राजधानी की हालत नरक से भी बदतर

देश की शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगातार बढ़ते प्रदूषण को लेकर सख्ती दिखाई है। सोमवार को सुनवाई के दौरान अदालत ने दिल्ली और केंद्र सरकार से कहा कि दिल्ली की हालत नरक से भी बदतर हो गई है, इसके परिणाम आपको भी भुगतने होंगे। सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि दिल्ली अब नरक से भी बदतर है। भारत में जीवन इतना सस्ता नहीं है और आपको भुगतान करना होगा।

जज अरुण मिश्रा ने कहा कि वायु के साथ जल प्रदूषण पर भी हमें स्वतः संज्ञान लेना होगा कि क्या दिल्ली के लोगों को पीने का पानी सुरक्षित है या नहीं। पानी के नमूनों की रिपोर्ट को अदालत में पेश करने के लिए दिल्ली और केंद्र दोनों को ही आदेश दे दिए हैं। अदालत ने पराली जलाने को लेकर पंजाब और हरियाणा सरकार को भी कड़ी फटकार लगाई।

सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली की अरविंद कोजरीवाल सरकार से कहा कि आपको कुर्सी पर बैठने का कोई अधिकार नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति को कितने लाख का भुगतान किया जाना चाहिए? आप किसी व्यक्ति के जीवन को कितना महत्व देते हैं? अदालत ने कहा कि हमारे देश में लोग हंस रहे हैं कि हम भी स्टबल बर्निंग को कंट्रोल नहीं कर सकते। ब्लेम गेम दिल्ली के लोगों की सेवा नहीं है। आप लोग एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं और इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।

अदालत में सुनवाई के दौरान दिल्ली के मुख्य सचिव ने बताया कि दिल्ली में राज्य और केंद्र सरकार के बीच शासन को लेकर समस्या है। तो इसके जवाब में कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार और केंद्र दोनों ही अपने मतभेदों को एक तरफ रखें और शहर के विभिन्न हिस्सों में एयर प्यूरीफायरिंग टावरों की स्थापना के लिए 10 दिनों के अंदर फैसला लें।