भारत की यूक्रेन युद्ध पर नसीहत रूस का नाम लिए बिना कहा कि लोगों की मौतें होना स्वीकार नहीं कर सकते

यूक्रेन संकट को लेकर भारत ने अपना रुख अडिग बताया है। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि यूक्रेन संकट को लेकर भारत का रुख अडिग है और उसके पास यह मानने के तमाम कारण हैं कि इस मामले में सभी संबंधित पक्षों के संपर्क में रहना चाहिए। श्रृंगला ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर भारत के रुख का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने निश्चित तौर पर इस ओर इशारा किया है कि मानव जीवन की हानि स्वीकार्य नहीं है।

भारत की यूक्रेन युद्ध पर नसीहत रूस का नाम लिए बिना कहा कि लोगों की मौतें होना स्वीकार नहीं कर सकते
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला

यूक्रेन संकट को लेकर भारत ने अपना रुख अडिग बताया है। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि यूक्रेन संकट को लेकर भारत का रुख अडिग है और उसके पास यह मानने के तमाम कारण हैं कि इस मामले में सभी संबंधित पक्षों के संपर्क में रहना चाहिए। श्रृंगला ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर भारत के रुख का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने निश्चित तौर पर इस ओर इशारा किया है कि मानव जीवन की हानि स्वीकार्य नहीं है।

भारत ने  शुक्रवार को यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की निंदा करने वाले प्रस्ताव पर मतदान से परहेज किया था, लेकिन साथ ही नई दिल्ली ने राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने का आह्वान करते हुए हिंसा व शत्रुता को तत्काल समाप्त करने की मांग की थी। श्रृंगला ने कहा, "संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हमने घटनाक्रम पर गहरा खेद व्यक्त किया है। हमने निश्चित रूप से यह भी बताया है कि मानव जीवन का नुकसान स्वीकार्य नहीं है।"

'कूटनीति और बातचीत ही एकमात्र विकल्प':

विदेश सचिव ने कहा कि हमने यह भी कहा है कि कूटनीति और बातचीत ही एकमात्र विकल्प है। मुझे लगता है कि जहां तक मौजूदा स्थिति से निपटने की बात है तो इसपर हमारा रुख अडिग रहा है। विदेश सचिव इस मुद्दे पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे। श्रृंगला ने कहा, "हम सभी पक्षों से संपर्क बनाए हुए हैं। प्रधानमंत्री ने रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपति से बात की है। विदेश मंत्री मामले में शामिल वार्ताकारों के संपर्क में हैं।"

'सभी संबंधित पक्षों के संपर्क में रहने की जरूरत' :

श्रृंगला ने कहा कि उन्होंने रविवार को रूस और यूक्रेन के दूतों से अलग-अलग मुलाकात की। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जिसके हित उस क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। उस क्षेत्र में हमारे मित्र देश और साझेदारियां हैं। हमारे पास यह मानने के तमाम कारण हैं कि इस मामले में सभी संबंधित पक्षों के संपर्क में रहना चाहिए।