जीतनराम मांझी ने लॉकडाउन पर उठाया सवाल, बोले-ये कोरोना का समाधान नहीं, स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों की सुधारें हालत

जीतनराम मांझी ने लॉकडाउन पर उठाया सवाल, बोले-ये कोरोना का समाधान नहीं, स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों की सुधारें हालत

बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतनराम मांझी ने कोरोना से निपटने के लिए लॉकडाउन लागू करने पर सवाल उठाया है। मांझी का कहना है कि यह कोरोना का समाधान नहीं हो सकता। इसकी बजाए गांवों तक के स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों को सुव्‍यवस्थित करना होगा। मांझी ने इसके साथ ही बिहार में कोरोना के मामलों में कमी लाने का श्रेय सीएम नीतीश कुमार को देते हुए उनकी तारीफ भी की। 

शनिवार एक ट्वीट में पूर्व मुख्‍यमंत्री ने कहा कि अपने बेहतर और अद्वितीय कामों से कोरोना के मामलों में कमी लाने के लिए नीतीश कुमार जी को धन्‍यवाद है। उन्‍होंने कहा कि वैसे लॉकडाउन कोविड का समाधान नहीं है। सही मायने में इस स्‍वास्‍थ्‍य संकट से निपटना है तो गांवों के उप स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों तक को सुव्‍यवस्थित करना होगा ताकि भविष्‍य में स्‍वास्‍थ्‍य संकटों से निपटा जा सके। 

गौरतलब है कि बिहार सरकार में शामिल जीतनराम मांझी ने इसके पहले पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल बढ़ाने की मांग की थी। शुक्रवार को अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से उन्‍होंने पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल छह महीने बढ़ाने की मांग को लेकर एक ट्वीट किया था। बिहार में लगभग 2.58 लाख पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल 15 जून को समाप्त हो जाएगा।

शुक्रवार को अपने ट्वीट में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख मांझी ने लिखा था-'कई बार आपातकाल के दौरान लोकसभा के कार्यकाल को संविधान के आर्टिकल 352 के तहत बढ़ा दिया गया। कोरोना के आपात संकट को ध्यान रखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह है कि पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल कम से कम 6 महीने के लिए बढ़ा दिया जाए। जिससे ग्रामीण इलाके का विकास कार्य चलता रहे।' गौरतलब है कि कोरोना संकट के बीच बिहार में समय पर पंचायत चुनाव को लेकर संशय व्‍यक्‍त किया जा रहा है। इस बारे में सरकार या निर्वाचन विभाग ने अभी तक कोई घोषणा नहीं की है।