जानिए, बिहार की राजधानी पटना के किस कॉलेज में बुर्का पहनने पर लगी पाबंदी? क्या है छात्राओं की प्रतिक्रिया?

बिहार की राजधानी पटना के मशहूर जेडी वीमेंस कॉलेज ने नया ड्रेस कोड लागू किया है। कॉलेज ने छात्राओं के बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया है। कॉलेज प्रशासन की ओर से छात्राओं को सख्त निर्देश दिए गए हैं। नियम और निर्देशों का पालन नहीं करने पर छात्राओं को 250 रुपए फाइन देना होगा। कॉलेज के इस नियम पर नाराज छात्राओं ने कहा है कि वो इसका विरोध करेंगी।

जानिए, बिहार की राजधानी पटना के किस कॉलेज में बुर्का पहनने पर लगी पाबंदी? क्या है छात्राओं की प्रतिक्रिया?
Pic Main gate Board of JD Womens College Patna
जानिए, बिहार की राजधानी पटना के किस कॉलेज में बुर्का पहनने पर लगी पाबंदी? क्या है छात्राओं की प्रतिक्रिया?
जानिए, बिहार की राजधानी पटना के किस कॉलेज में बुर्का पहनने पर लगी पाबंदी? क्या है छात्राओं की प्रतिक्रिया?
जानिए, बिहार की राजधानी पटना के किस कॉलेज में बुर्का पहनने पर लगी पाबंदी? क्या है छात्राओं की प्रतिक्रिया?

बिहार की राजधानी पटना के मशहूर जेडी वीमेंस कॉलेज ने नया ड्रेस कोड लागू किया है। कॉलेज ने छात्राओं के बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया है। कॉलेज प्रशासन की ओर से छात्राओं को सख्त निर्देश दिए गए हैं। नियम और निर्देशों का पालन नहीं करने पर छात्राओं को 250 रुपए फाइन देना होगा।

कॉलेज की प्राचार्या डॉक्टर श्यामा राय ने कहा कि ये घोषणा हमने पहले ही की गई थी। नए सेशन के ओरिएंटेशन के समय में छात्राओं को बताया गया था। हमने ये नियम छात्राओं में एकरूपता लाने के लिए किया है। उन्होंने कहा कि शनिवार के दिन छात्राएं अन्य ड्रेस पहन सकती हैं, शुक्रवार तक उन्हें ड्रेस कोड में ही कॉलेज आना है।

प्राचार्या ने कहा कि कॉलेज में पिछले दो दिनों से एक नोटिस सर्कुलेट हो रहा है। इसमें ये साफ लिखा गया है कि शनिवार को छोड़कर सभी छात्राओं को निर्धारित ड्रेस कोड में ही कॉलेज आना है। इतना ही नहीं कॉलेज परिसर और क्लास रूम में बुर्का वर्जित है।

कॉलेज के इस नियम पर नाराज छात्राओं ने कहा है कि वो इसका विरोध करेंगी। देश का शायद ये पहला महिला कॉलेज है,जहां बुर्का को बैन किया गया है। उनका कहना है कि बुर्के से कॉलेज को क्या दिक्कत है? ये नियम तो बस थोपने वाली बात है।

वर्ल्ड इंस्टीट्यूट ऑफ इस्लामिक स्टडीज़ फॉर डायलॉग की डीजी डॉक्टर जीनत शौकत अली का कहना है कि बुर्का शब्द कहीं पर भी कुरान में नहीं आया है। कॉलेज अगर किसी के विशेष पहनावे पर रोक लगाता है तो यह व्यक्ति के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन हो सकता है।

उन्होंन कहा कि इस्लाम में कहीं नहीं कहा गया है कि बच्चियां बुर्का पहनकर पढ़ने जाएं। बस महिलाओं को सम्मानजनक तरीके से कपड़े पहनने को कहा गया है। छोटी-छोटी बातों को तूल देने की बजाय बच्चियों को पढ़ाने पर जोर देना चाहिए।

इमारत-ए-शरिया के कार्यवाहक नाजिम मौलाना शिबली अलकासमी ने कहा कि अगर पाबंदी लगी है तो फिर इसका विरोध किया जाएगा। जेडी वीमेंस कॉलेज का यह कदम गलत है। यह प्राचार्या की मानसिकता को दर्शाता है। एक खास तबके को निशाना बनाया जा रहा है। यह समाज को तोड़ने वाला कदम है।