जानिए कौन नहीं लड़ पाएगा बिहार पंचायत और मुखिया का इलेक्शन, क्या है चुनाव आयोग के नियम

जानिए कौन नहीं लड़ पाएगा बिहार पंचायत और मुखिया का इलेक्शन, क्या है चुनाव आयोग के नियम

बिहार में पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। बांका जिले में 11 चरण पंचायत चुनाव हो सकते हैं। अभी लोगों को अधिसूचना जारी किए जाने का इंतजार है। पंचायत चुनाव की तैयारियों के बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने उम्मीदवारों और प्रस्तावकों की लिए नियम तय कर दिए हैं। इसके तहत आंगनबाडी केंद्र पर तैनात सेविका व सहायिका किसी भी पद के लिए चुनाव नहीं लड़ सकेगी और ना ही वे चुनाव मैदान में उतरने वाले अभ्यर्थी की प्रस्तावक ही बन सकेगी।

सरकारी नौकरी करने वाले भी ना तो अपना नामांकन दाखिल कर सकेंगे और न ही किसी व्यक्ति का प्रस्तावक बन सकेंगे। वहीं, विशेष शिक्षा परियोजना, साक्षरता अभियान, शिक्षा केंद्रों पर मानदेय पर कार्यरत अनुदेशक, पंचायत के अधिन मानदेय व अनुबंध पर कार्यरत शिक्षा मित्र, न्याय मित्र, विकास मित्र, टोला सेवक व दलपति केंद्र व राज्य सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकार से वित्तीय सहायता पाने वाले शैक्षणिक-गैर शैक्षणिक संस्थानों में कार्यरत कर्मचारी, रसोइया व मानदेय पर कार्यरत कर्मी, गृहरक्षक एवं सरकारी वकील भी पंचायत चुनाव नहीं लड सकेंगे और ना ही किसी भी पद के लिए किसी व्यक्ति का प्रस्तावक ही बन सकते हैं।

21 वर्ष से कम आयु वर्ग वाले नहीं बन सकेंगे प्रस्तावक: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में किसी पद के प्रस्तावक होने के लिए संबंधित प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र के वोटर लिस्ट में नाम होना जरूरी है। वहीं, 21 वर्ष से कम आयु वर्ग वाले किसी का प्रस्तावक नहीं बन सकेंगे। प्रस्तावक बनने के लिए भारत का नागरीक होना जरूरी है। केंद्र व राज्य सरकार सहित किसी स्थानीय प्राधिकार की सेवा में रहने वाले व्यक्ति भी प्रस्तावक नहीं बनेंगे। सक्ष्म न्यायालय द्वारा विकृतचित घोषित व्यक्ति एवं कोर्ट से राजनीतिक अपराध से अलग किसी भी अपराध के लिए छह महिने के कारावास की सजा पाने वाले व्यक्ति किसी का प्रस्तावक नहीं होंगे। वहीं, एक सक्षम व्यक्ति एक ही अभ्यर्थी का प्रस्तावक बन सकेंगे।

ये लड़ सकेंगे पंचायत चुनाव: राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से तय की गई अर्हता के मुताबिक सेवा निवृत सरकारी कर्मी, जनवितरण प्रणाली के लाइसेंसी विक्रेता, कमीशन के आधार पर काम करने वाले अभिकर्ता एवं अकार्यरत गृहरक्षक पंचायत चुनाव के मैदान उतर सकते हैं। रंजन कुमार चौधरी, डीपीआरओ बताते है कि राज्य निर्वाचन आयोग ने अधिसूचना की तैयारियों के बीच अभ्यर्थी व प्रस्तावक की अर्हता तय कर दी है। आयोग से निर्देश प्राप्त होने पर इसकी जानकारी सार्वजनिक की जायेगी। जिससे पंचायत चुनाव में अभ्यर्थी व प्रस्तावक बनने में किसी को परेशानी नहीं हो सके।