यूपी-दिल्ली में कोरोना से राहत लेकर आया मई, पीक के मुकाबले एक चौथाई रह गए एक्टिव केस
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने अप्रैल के महीने में दिल्ली और यूपी के स्वास्थ्य ढांचे पर दबाव बढ़ा दिया था। इसके चलते दोनों सरकारों को बड़े पैमाने पर प्रतिबंध लागू करने पर पड़े थे। नाइट कर्फ्यू से हुई बंदिशों की शुरुआत पहले तो वीकेंड कर्फ्यू में तब्दील हुई और फिर सख्त लॉकडाउन तक लागू करना पड़ा। हालांकि अब मई के महीने में यूपी और दिल्ली दोनों ही जगह पर कोरोना से बड़ी राहत मिलती दिख रही है। मई की शुरुआत से ही नए केसों में ढलान देखने को मिल रही थी, जो अब काफी कम हो गई है। यहां तक कि पीक के मुकाबले एक्टिव केसों की संख्या एक चौथाई पर आकर ठहर गई है।
उत्तर प्रदेश में 1 अप्रैल को 11,918 केस थे और हर रोज करीब 2,000 नए एक्टिव केस मिल रहे थे। लेकिन यह आंकड़ा अप्रैल के महीने में तेजी से बढ़ता रहा और 30 अप्रैल को 3 लाख के पार पहुंच गया था। हालांकि मई का महीना यूपी के लिए भी बड़ी राहत लेकर आया। पहले दिन से ही एक्टिव केसों में हर दिन करीब 10,000 की गिरावट देखने को मिली और अब आंकड़ा 76 हजार पर आकर ठहर गया है, जो अप्रैल के आखिरी दिनों के मुकाबले एक चौथाई ही है। www.covid19india.org के मुताबिक नए केसों के मिलने की रफ्तार भी 10 गुना तक कम हुई है। 29 अप्रैल को राज्य में 35 हजार से ज्यादा केस मिले थे, जबकि सोमवार को यह आंकड़ा 3,894 ही रह गया।
राजधानी दिल्ली में पीक के मुकाबले बड़ी राहत
दिल्ली में कोरोना का पीक 28 अप्रैल को देखने को मिला था, तब राजधानी में एक्टिव केसों की संख्या 99,752 हो गई थी। यह आंकड़ा अब घटते हुए एक चौथाई ही रह गया है, सोमवार को दिल्ली में एक्टिव केसों की संख्या 24,578 ही दर्ज की गई। अब तक दिल्ली में 14.18 लाख कोरोना केस मिल चुके हैं, जिनमें से 13.70 लाख लोग रिकवर हो चुके हैं। दिल्ली में अब तक 1.87 लाख टेस्टिंग हो चुकी है। इस लिहाज से देखें तो दिल्ली में बड़ी आबादी को टेस्टिंग के दायरे में लिया जा चुका है।
दिल्ली-यूपी पर भारी रहा अप्रैल का महीना
दिल्ली और यूपी दोनों पर ही अप्रैल का महीना कोरोना की दूसरी लहर के चलते भारी गुजरा है। दिल्ली में 1 अप्रैल को कोरोना के 10,498 एक्टिव केस थे, जो 30 अप्रैल को 99,361 थे। हालांकि मई की शुरुआत से ही गिरावट शुरू हुई, जो अब 24 हजार पर आकर ठहर गया है। नए केसों में जिस तरह से कमी देखने को मिल रही है, उससे उम्मीद है कि मई के समाप्त होने तक कोरोना के एक्टिव केसों में कमी और ज्यादा हो जाएगी।
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