पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉक्टर आरिफ अल्वी ने पाकिस्तान चुनाव आयोग चुनाव की तारीखों का प्रस्ताव मांगा, 3 महीने के भीतर हो सकते हैं इलेक्शन

पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉक्टर आरिफ अल्वी ने पाकिस्तान चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखा है। इस चिट्ठी में संविधान के अनुच्छेद 224 (2) के तहत देश में आम चुनाव कराने की तारीखों का प्रस्ताव देने को कहा गया है। बता दें कि पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट मौजूदा वक्त में डिप्टी स्पीकर के फैसले की वैधता और पीएम और राष्ट्रपति के बाद के कार्यों और आदेशों की वैधता तय करने के लिए मामले की सुनवाई कर रहा है।

पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉक्टर आरिफ अल्वी ने पाकिस्तान चुनाव आयोग चुनाव की तारीखों का प्रस्ताव मांगा, 3 महीने के भीतर हो सकते हैं इलेक्शन

पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉक्टर आरिफ अल्वी ने पाकिस्तान चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखा है। इस चिट्ठी में संविधान के अनुच्छेद 224 (2) के तहत देश में आम चुनाव कराने की तारीखों का प्रस्ताव देने को कहा गया है। बता दें कि पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट मौजूदा वक्त में डिप्टी स्पीकर के फैसले की वैधता और पीएम और राष्ट्रपति के बाद के कार्यों और आदेशों की वैधता तय करने के लिए मामले की सुनवाई कर रहा है।

पाकिस्तान चुनाव आयोग को लिखे चिट्ठी में संविधान के अनुच्छेद 48(5)(ए) और अनुच्छेद 224(2) के तहत कहा गया है कि राष्ट्रपति को आम चुनाव कराने के लिए नेशनल असेंबली के विघटन की तारीख से 90 दिनों के भीतर एक तारीख नियुक्त करनी है। यह चिट्ठी 5 अप्रैल को लिखी गई थी।

सोच विचार कर रहा चुनाव आयोग:

5 अप्रैल को डॉन ने चुनाव आयोग के अधिकारियों के हवालों से रिपोर्ट दी थी कि कई कानूनी अड़चनों और प्रक्रियात्मक चुनौतियों को कारण अगले तीन महीने के भीतर आम चुनाव नहीं कराए जा सकते हैं। हालांकि, चुनाव आयोग को बाद में यह स्पष्ट करना पड़ा कि उसने चुनाव कराने के बारे में कोई बयान जारी नहीं किया था। लेकिन आयोग ने यह नहीं बताया है कि वह तीन महीने में चुनाव कराने के लिए तैयार है या नहीं।

राजनीतिक हालात अस्थिर:

इमरान खान की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा संसद को भंग करने के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक और संवैधानिक संकट के हालात हैं। पाक सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ इस मामले पर सुनवाई कर रही है। पाक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रधान न्यायाधीश बंदियाल ने कहा कि अगर नेशनल असेंबली के अध्यक्ष संविधान के अनुच्छेद 5 का हवाला देते हैं फिर भी अविश्वास प्रस्ताव को खारिज नहीं किया जा सकता है।

ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या सुप्रीम कोर्ट अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराने का आदेश देगा? अगर ऐसा हुआ को इमरान खान का दोबारा चुनाव कराने का सपना टूट जाएगा और विपक्ष सत्ता पर काबिज हो सकता है। ऐसे में तुरंत चुनाव से भी बचा जा सकता है और सब ठीक रहा तो तय वक्त पर जुलाई 2023 में चुनाव कराए जा सकते हैं।]