RBI को लगा एक और झटका, डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने दिया इस्तीफा
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को एक बड़ा झटका लगा है। केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने अपने पद से इस्तीएफा दे दिया है। यह करीब 7 महीने के भीतर दूसरी बार है जब आरबीआई के किसी उच्चे अधिकारी ने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही अपने पद को छोड़ दिया है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को एक बड़ा झटका लगा है। केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने अपने पद से इस्तीएफा दे दिया है। यह करीब 7 महीने के भीतर दूसरी बार है जब आरबीआई के किसी उच्चे अधिकारी ने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही अपने पद को छोड़ दिया है। इससे पहले आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने दिसंबर 2018 में निजी कारण बताते हुए अपने पद से इस्ती।फा दे दिया था।
विरल आचार्य का कार्यकाल समाप्त होने में अभी 6 महीने का समय बचा था। फिलहाल इस्तीफे के कारणों का पता नहीं चल सका है। आचार्य ने रिजर्व बैंक में डिप्टी गवर्नर के रूप में 23 जनवरी 2017 को पद भार ग्रहण किया था। विरल इस पद पर ढ़ाई महीने तक बने रहे।
2018 अक्टूबर में विरल आचार्य तब सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने रिजर्व बैंक की स्वायत्तता को बरकरार रखने की जरूरत को लेकर बयान दिया था। पिछली दो मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान उन्होंने मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के बाकी सदस्यों से अलग राय रखी थी।
आपको बताते चलें कि पिछले सात महीने में यह दूसरी बार है जब आरबीआई के किसी शीर्ष अधिकारी ने अपने पद से इस्तीफा दिया हो। इससे पहले आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने दिसंबर 2018 में निजी कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था।
विरल आचार्य कौन हैं?
1995 में भारतीय तकनीकी संस्थान मुंबई से बी-टेक करने के बाद विरल आचार्य ने 2001 में न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से वित्त में पीएचडी की। विरल लंदन बिज़नेस स्कूल यानी एलबीएस में भी अर्थशास्त्र का अध्यापन कर चुके हैं। विरल आचार्य न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के स्टर्न स्कूल में वित्त विभाग में 2008 से अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं और 2017 में अवकाश लेकर उन्होंने रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर का पदभार संभाला। बताया जा रहा है कि विरल एक बार फिर अपने अध्यापन के क्षेत्र में वापसी करते हुए न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में पढ़ाने के लिए जाएंगे।
उर्जित पटेल ने दिसंबर 2018 में छोड़ा था RBI गवर्नर का पद
दिसंबर 2018 में इससे पहले रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने भी अचानक इस्तीफा दे दिया था। तब पटेल ने व्यक्तिगत कारणों को हवाला दिया था। अपने बयान में उर्जित पटेल ने कहा था कि 'मैं व्यक्तिगत कारणों की वजह से तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं। बीते वर्षों में रिजर्व बैंक के लिए काम करना मेरे लिए गर्व की बात रही। अपने कार्यकाल के दौरान मुझे आरबीआई के अधिकारियों, प्रबंधन और स्टाफ का भरपूर सहयोग मिला और इसके लिए मैं सभी को तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं।'
प्रधानमंत्री ने की तारीफ
उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उर्जित पटेल को आर्थिक मुद्दों की गहरी समझ रखने वाला एक उच्च क्षमता का अर्थशास्त्री बताया था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि उर्जित पटेल ने बैंकिंग प्रणाली को अराजकता से बाहर निकाला। वह अपने पीछे महान विरासत छोड़ रहे हैं।
शक्तिकांत दास ने ली थी उर्जित पटेल की जगह
उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद केंद्र सरकार ने वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में पूर्व सचिव और भारतीय प्राशसनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी शक्तिकांत दास को आरबीआई का गवर्नर नियुक्त किया। दास 1980 बैच के तमिलनाडु काडर के आईएएस अधिकारी हैं। वर्तमान आरबीआई गवर्नर दास वित्त आयोग के सदस्य भी रह चुके हैं और उन्होंने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम तथा प्रणब मुखर्जी दोनों के साथ काम किया है।
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