भारत नेपाल बॉर्डर पर चायनीज ड्रोन मिलने से सनसनी, जांच में जुटी पुलिस व SSB
मधुबनी: भारत नेपाल बॉर्डर के गंगौर गांव में 11 चायनीज ड्रोन के साथ एक संदिग्ध की SSB के द्वारा गिरफ्तारी से सनसनी फैल गई है। SSB के द्वारा इस बात की जानकारी अपने अधिकारियों सहित गृह मंत्रालय को देकर गिरफ्तार व्यक्ति को हरलाखी थाना को सुपुर्द कर अपने स्तर से भी जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है। वहीं भारत के दो मोर्चे पर दो देश के साथ सुरक्षा को लेकर हर वक्त देश की सुरक्षा में सुरक्षा व इंटेलिजेंस एजेंसियां कई तरह की चाक चौबंद सुरक्षा तैयारियों के साथ डटी है। मालूम हो कि पाकिस्तान व चीन भारत के निकतम पड़ोसी देश नेपाल का उयोग करने से भी नही चूकना चाहता है। नेपाल की कई भारत विरोधी सरकारों को चीन अथवा पाकिस्तान आसानी से उयोग करता आया है। इस का ताजा उदाहरण 2006 में मुम्बई में सीरियल बम ब्लास्ट में गिरफ्तार बासोपट्टी थाना क्षेत्र निवासी मोहम्मद कामलुदीन अंसारी जो कि बम ब्लास्ट में दोषी पाए जाने के बाद सजा काटने के क्रम में उसका कोरोना से मुम्बई की जेल में मौत हो गया। वह भी मुम्बई में बम ब्लास्ट से पूर्व नेपाल के जनकपुर में कई अवांक्षित लोगों से मीटिंग को अंजाम दिया था। तब भविष्य में भी नेपाल की खुली सीमा को भारत बिरोधी गति बिधि के उयोग किए जाने को लेकर खुफिया एजेंसियों के कान खड़े हो गए। वहीं हाल ही में जम्मू एयर बेस पर हमले में ड्रोन का इस्तेमाल ने देश की सुरक्षा एजेंसियों को सोचने पर मजबूर कर दिया। जिसके बाद सरकार ने ड्रोन के इस्तेमाल को देश की सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में देखने लगी। इसके बाद बिहार के रक्सौल बॉर्डर पर भी ड्रोन पकड़ा जाना अब मधुबनी जिले से लगी भारत नेपाल बॉर्डर पर 11 चायनीज ड्रोन के साथ संदिग्ध की गिरवतारी ने सनसनी फैला दी है। दूसरे देशों की संपदा का इस्तेमाल करने वाली नेपाल से सटी चीन सीमा व चीन से सटी पाकिस्तान की सीमा होने के कारण जिले से भारत से नेपाल के बेटी रोटी की संबध को लेकर 130 किलोमीटर की खुली सीमा का इस्तेमाल भारत मे अथवा विस्फोटक पदार्थ या आतंकबादियों के लिए भेजने ने के लिए कर चुका है। जिसके बाद गृह मंत्रालत ने बॉर्डर एरिया में SSB की तैनाती कर भारत विरोधी ताकतों के मंसूबो पर समय समय पर पानी फेर दिया और कामयाब नही होने दिया , लेकिन 11 चाइनीज ड्रोन कैमरा के साथ संदिग्ध की गिरफ्तारी को राज्य सरकार व गृह मंत्रालय भारत किस दृष्टि से देखती है और कौन कौन एजेंसियां किस किस एंगल से जांच करती है इसके क्या नतीजे सामने आते हैं यह जांच के बाद ही पता चलेगा।
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