सुप्रीम कोर्ट ने INX मीड़िया मामले में पी. चिदंबरम को दी जमानत,जेल से बाहर आने के लिए अभी करना होगा इंतजार, 24 अक्टूबर तक हैं ED की कस्टडी में
सर्वोच्च अदालत ने आईएनएक्स मीडिया मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम को जमानत दे दी है। चिदंबरम को एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अगर किसी अन्य मामले में पी.चिदंबरम की जरूरत नहीं है, तो उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि पी.चिदंबरम अदालत से इजाजत लिए बिना देश ने बाहर नहीं जा सकते।
देश की सर्वोच्च अदालत ने आईएनएक्स मीडिया मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम को जमानत दे दी है। चिदंबरम को एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अगर किसी अन्य मामले में पी.चिदंबरम की जरूरत नहीं है, तो उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि पी.चिदंबरम अदालत से इजाजत लिए बिना देश ने बाहर नहीं जा सकते। हालांकि, चिदंबरम धनशोधन के मामले में 24 अक्टूबर तक प्रवर्तन निदेशालय की कस्टडी में हैं, लिहाजा जेल के बाहर आने के लिए उन्हें अभी और इनतजार करना पड़ेगा।
पी. चिदंबरम को सीबीआई ने भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई ने 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी ने हाल ही में पी. चिदंबरम, उनके बेटे कार्ति चिदंबरम और पीटर मुखर्जी समेत 14 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है, कुछ नौकरशाह भी शामिल हैं। इन पर कथित रूप से भ्रष्टाचार निरोधक कानून और भारतीय दंड संहिता के तहत दंडनीय अपराध करके राजकोष को नुकसान पहुंचाने के मामले में आरोपपत्र दाखिल किया गया था। चिदंबरम फिलहाल आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में हैं।
आपको बताते चलें कि सीबीआई ने 2007 में 305 करोड़ रुपये का विदेशी चंदा लेने के लिए आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संबर्द्धन बोर्ड की एक मंजूरी में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए 15 मई 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने 2017 में इस संबंध में धनशोधन का मामला दर्ज किया था।
पी. चिदंबरम ने उच्च न्यायालय के 30 सितंबर के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने सीबीआई द्वारा दर्ज आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में उनकी जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था। न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर अपना फैसला सुनाएगी।
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