आतंकियों के पालनहार पाकिस्तान को बड़ा झटका, एफएटीएफ के एशिया पेसिफिक ग्रुप ने किया 'ब्लैक लिस्ट'

टेरर फंडिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टाक्स फोर्स (FATF) की क्षेत्रीय इकाई एशिया पेसिफिक ग्रुप APG ने पाकिस्तांन को काली सूची में डाल दिया है। पाकिस्तान के खिलाफ ये कार्रवाई टेरर फंडिंग पर लगाम लगा पाने में नाकाम रहने की वजह के की गई है। इस फैसले का पाकिस्तान पर व्यापक असर होगा। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति चरमरा जाएगी, विकास दर चौपट हो जाएगी और महंगाई से जूझ रही जनता का हाल बेहाल हो जाएगा। 

आतंकियों के पालनहार पाकिस्तान को बड़ा झटका, एफएटीएफ के एशिया पेसिफिक ग्रुप ने किया 'ब्लैक लिस्ट'
Pic of Pak PM Imran Khan
आतंकियों के पालनहार पाकिस्तान को बड़ा झटका, एफएटीएफ के एशिया पेसिफिक ग्रुप ने किया 'ब्लैक लिस्ट'

आर्थिक दिवालियापन के कगार पर खड़े और महंगाई से जूझ रहे पाकिस्तान को अबतक का सबसे बड़ा झटका लगा है। टेरर फंडिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टाक्स फोर्स (FATF) की क्षेत्रीय इकाई एशिया पेसिफिक ग्रुप APG ने पाकिस्तांन को काली सूची में डाल दिया है। पाकिस्तान के खिलाफ ये कार्रवाई टेरर फंडिंग पर लगाम लगा पाने में नाकाम रहने की वजह के की गई है।

एफएटीएफ के एशिया पेसिफिक ग्रुप ने पाया है कि पाकिस्तािन ने आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के 40 अनुपालन मानकों में से 32 पर खरा नहीं उतरा है। अभी तक पाकिस्तान एफएटीएफ की 'ग्रे' सूची में शामिल था।  एपीजी, एफएटीएफ की क्षेत्रीय इकाई है और समझा जाता है कि उसके इस फैसले का पाकिस्तान पर व्यापक असर होगा। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति चरमरा जाएगी, विकास दर चौपट हो जाएगी और महंगाई से जूझ रही जनता का हाल बेहाल हो जाएगा।

एपीजी के इस निर्णय के बाद अब एफएटीएफ अक्टूबर में होने वाली अपनी बैठक में पाकिस्तान को ब्लैेक लिस्ट  करने पर फैसला लेगा। यहां बता देना जरूरी है कि पाकिस्ता न आतंकियों की फंडिंग के मामले में एफएटीएफ को गुमराह कर रहा है। वह ठोस कार्रवाई करने के बजाए दिखावे के लिए आतंकवादियों और आतंकी समूहों के खिलाफ फर्जी और कमजोर एफआइआर दर्ज कर रहा था। इसे लेकर अमेरिका ने पाकिस्तान को प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की नसीहत दी थी।

दिवालिया होने की कगार पर खड़ी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए यह बहुत बड़ा झटका है। एपीजे के फैसले पर एफएटीएफ भी अगर अपनी मुहर लगा देता है, तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था रसातल में चली जाएगी। दुनिया के देश और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाएं उसे पूरी तरह से कर्ज देना बंद कर देंगी। उसके यहां निवेश नहीं होगा, जिससे उसका कारोबार बुरी तरह प्रभावित होगा। महंगाई से त्रस्त पाकिस्तान के लिए घरेलू स्थितियां संभालनी मुश्किल हो जाएंगी।

दरअसल, एफएटीएफ का एशिया पेसिफिक ग्रुप एक अंतर सरकारी संगठन है जो क्षेत्र में टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखता है। इस समहू में 41 सदस्य देश हैं। यह संस्था यह सुनिश्चित करती है कि सदस्य देश मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग और व्यापक तबाही के हथियारों के प्रसार पर रोक लगाने के लिए तय अंतरराष्ट्रीय मानकों को अपने यहां प्रभावी तरीके से लागू करें।

आपको बताते चलें कि एपीजी की यह वार्षिक बैठक ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा में हुई है। बैठक में इस संस्था ने टेरर फंडिंग पर रोक लगाने पर पाकिस्तान की म्युचुअल इवैलुएशन रिपोर्ट की समीक्षा की है। हालांकि, पाकिस्तान ने टेरर फंडिंग पर रोक लगाने की दिशा में उठाए गए अपने कदमों से अवगत कराया। लेकिन एपीजी उसकी दलीलों से सहमत नहीं हुआ। एपीजी के इस कदम के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। क्योंकि एपीजी के इस निर्णय से दुनिया के देशों में यह स्पष्ट संकेत जाएगा कि टेरर फंडिंग पर पाकिस्तान की तरफ से खतरा बना हुआ है।