दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त,चार राज्यों के मुख्य सचिवों को किया तलब, केंद्र सरकार को एयर प्यूरीफायर टावर लगाने का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केवल कार पर ऑड ईवन लगाने से काम नहीं चलेगा। क्योंकि ये इतना प्रभावित नहीं हैं। यह सिर्फ मध्यम वर्ग पर प्रभाव डालता है, जबकि अमीरों के पास हर नंबर की कार है। कोर्ट ने कहा कि जिन देशों में ऑड ईवन लागू है वहां पब्लिक ट्रांसपॉर्ट काफी मजबूत और निःशुल्क है, लेकिन यहां नहीं है।

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त,चार राज्यों के मुख्य सचिवों को किया तलब, केंद्र सरकार को एयर प्यूरीफायर टावर लगाने का निर्देश
GFX of Supreme Court and Delhi CM Arvind Kejriwal
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त,चार राज्यों के मुख्य सचिवों को किया तलब, केंद्र सरकार को एयर प्यूरीफायर टावर लगाने का निर्देश
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त,चार राज्यों के मुख्य सचिवों को किया तलब, केंद्र सरकार को एयर प्यूरीफायर टावर लगाने का निर्देश
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त,चार राज्यों के मुख्य सचिवों को किया तलब, केंद्र सरकार को एयर प्यूरीफायर टावर लगाने का निर्देश

दिल्ली-एनसीआर के लोगों को प्रदूषण से फिलहाल राहत मिलती नहीं दिख रही है। दीपावली के बाद से ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण स्तर खतरनाक पर बना हुआ है। लिहाजा, सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण रोकने में नाकाम रहने पर दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों को तलब किया है। कोर्ट ने 29 नवंबर को सभी को पेश होने का आदेश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केवल कार पर ऑड ईवन लगाने से काम नहीं चलेगा। क्योंकि ये इतना प्रभावित नहीं हैं। यह सिर्फ मध्यम वर्ग पर प्रभाव डालता है, जबकि अमीरों के पास हर नंबर की कार है। कोर्ट ने कहा कि जिन देशों में ऑड ईवन लागू है वहां पब्लिक ट्रांसपॉर्ट काफी मजबूत और निःशुल्क है, लेकिन यहां नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से दिल्ली में जगह-जगह एयर प्यूरीफायर टावर लगाने पर विचार करने को कहा है। साथ ही दिल्ली सरकार से सवाल किया कि इतनी प्रदूषित हवा में कोई सांस कैसे ले सकता है? इस बीच दिल्ली सरकार ने ऑड-इवन का बचाव करते हुए कहा कि इससे 5 से 15 फीसदी तक प्रदूषण घटा है, जबकि सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का कहना है कि उसके अध्ययन के मुताबिक ऑड-इवन से कोई फायदा नहीं हुआ है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बंद कमरों में एक्यूआई बहुत खराब है, जबकि बाहर हालत बदतर हैं। पिछले साल अक्टूबर में एक्यूआई ठीक था जबकि ऑड ईवन नहीं था। कोर्ट ने कहा आज भी एक्यूआई 600 है, लोग कैसे सांस ले रहे हैं? हालात बहुत गंभीर है। इसपर दिल्ली सरकार ने ऑड-ईवन के पक्ष में दलील देते हुए कहा कि ऑड-ईवन के कारण इस साल एक्यूआई और भी बेहतर है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऑड-ईवन, प्रदूषण की समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं हो सकता है।

आपको बताते चलें कि केंद्र सरकार ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का डेटा लेकर एक हलफनामा दाखिल किया है। इसके अलावा सरकार ने सुप्रीम कोर्च को बताया कि दिल्ली में एयर प्यूरीफायर टावर 'वायु' लगाया गया है। जिसका ट्रायल चल रहा है। ट्रायल में कम से कम 1 साल का समय लगेगा।

केंद्र सरकार ने आईआईटी बॉम्बे के प्रोफेसर का हवाला देते हुए कहा कि टॉवर 1 किलो मीटर के दायरे में हवा साफ करेगा। आईआईटी बॉम्बे के प्रोफेसर ने चीन में जैसा टावर लगा है, वैसा ही टावर लगाने का सुझाव दिया हैष इसपर जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि कोई और टेक्नोलॉजी ढूंढ़िए जो कम से कम 10 किलो मीटर की रेंज में हवा साफ कर सके।