कारगिल विजय के पूरे हुए 20 वर्ष, भारतवासियों के लिए गौरव का दिन 

पाकिस्तान ने इस युद्ध की शुरुआत 3 मई 1999 को ही कर दी थी जब उसने कारगिल की ऊंची पहाड़ियों पर 5,000 सैनिकों के साथ घुसपैठ कर कब्जा जमा लिया था। इस बात की जानकारी जब भारत सरकार को मिली तो सेना ने पाक सैनिकों को खदेड़ने के लिए ऑपरेशन विजय चलाया। आखिरकार पाकिस्तान को धूल चटाते हुए, उन पर विजय प्राप्त की। इसे ऑपरेशन विजय का नाम दिया गया।

कारगिल विजय के पूरे हुए 20 वर्ष, भारतवासियों के लिए गौरव का दिन 

भारत को कारगिल युद्ध में विजय हासिल किये 20 वर्ष बीत चुके हैं। भारतवासियों के लिए 26 जुलाई का दिन बड़ा गौरवशाली है। वैसे तो पाकिस्तान ने इस युद्ध की शुरुआत 3 मई 1999 को ही कर दी थी जब उसने कारगिल की ऊंची पहाड़ियों पर 5,000 सैनिकों के साथ घुसपैठ कर कब्जा जमा लिया था। इस बात की जानकारी जब भारत सरकार को मिली तो सेना ने पाक सैनिकों को खदेड़ने के लिए ऑपरेशन विजय चलाया। आखिरकार पाकिस्तान को धूल चटाते हुए, उन पर विजय प्राप्त की। इसे ऑपरेशन विजय का नाम दिया गया।

करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई पर कारगिल में लड़ी गई इस जंग में देश ने 527 से ज्यादा वीर योद्धाओं को खोया था, वहीं 1300 से ज्यादा घायल हुए थे।

ज्ञात हो कि टाइगर हिल पर भारतीय सेना ने 24 जून से अपनी मजबूत पकड़ बनानी शुरू कर दी थी। इसके बाद वायुसेना ने मोर्चा संभाल लिया। ऑपरेशन विजय में ही पहली बार लेजर गाइडेड बम का इस्तेमाल किया गया था। इस पूरे युद्ध में मिराज-2000 की बहुत बड़ी भूमिका रही। साथ ही साथ यह लड़ाई कई मामलों में महत्वपूर्ण है। इतनी ऊंचाई पर भारतीय वायुसेना के विमानों का सही तरीके से इस्तेमाल और विजय प्राप्त करना अपने आप में सराहनीय है।