मदर डेयरी का टोकनवाला दूध लें, पैसा और पर्यावरण दोनों बचाएं!

मदर डेयरी के प्रबंध निदेशक संग्राम चौधरी का कहना है कि कंपनी टोकन वाले दूध की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए कुछ अतिरिक्त कदम उठाएगी और हर घर तक सक्रिय आपूर्ति को सुनिश्चित कर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद के निवासियों द्वारा रोजमर्रा के जीवन में प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने में योगदान देगी।

मदर डेयरी का टोकनवाला दूध लें, पैसा और पर्यावरण दोनों बचाएं!
Pic of Mother Dairy Milk Token Booth
मदर डेयरी का टोकनवाला दूध लें, पैसा और पर्यावरण दोनों बचाएं!
मदर डेयरी का टोकनवाला दूध लें, पैसा और पर्यावरण दोनों बचाएं!

देश के उन लाखों-करोड़ों लोगों के लिए खुशखबरी है,जो दूध पीने के शौकीन हैं। मदर डेयरी अब आपको टोकन वाला दूध पैकेट वाले दूध की तुलना में 4 रुपये प्रति लीटर कम दाम पर उपलब्ध कराएगी। मदर डेयरी ने प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने की मुहिम में योगदान देने के लिए उपभोक्ताओं से पैकेट वाले दूध की बजाय टोकन वाला दूध खरीदने की अपील की है।

वास्तव में आप डिब्बा लेकर निकलेंगे तो 4 रुपये सस्ता दूध मिलेगा। यह कोई बड़ी रकम नहीं है, लेकिन इसके पीछे एक बड़ी मुहिम छुपी है। मुहिम पर्यावरण बचाने की है। अपने बच्चों के भविष्य के लिए एक स्वच्छ वातावरण बनाने की है। पीएम मोदी के सिंगल यूज प्लास्टिक बंद करने के आह्वान से प्रेरित होकर मदर डेरी ने यह मुहिम शुरू की है।

मदर डेयरी के प्रबंध निदेशक संग्राम चौधरी का कहना है कि कंपनी टोकन वाले दूध की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए कुछ अतिरिक्त कदम उठाएगी और हर घर तक सक्रिय आपूर्ति को सुनिश्चित कर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद के निवासियों द्वारा रोजमर्रा के जीवन में प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने में योगदान देगी।

कंपनी का कहना है कि अगर उपभोक्ता टोकन वाला दूध खरीदेंगे, तो वह उन्हें पैकेट वाले दूध की तुलना में 4 रुपये सस्ता भी पड़ेगा और पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने की मुहिम भी ज्यादा कारगर होगी। कंपनी अपने रीटेल सेल आउटलेट्स में वेंडिंग मशीनों के माध्यम से उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाओं का अनुभव प्रदान करेगी।

मदर डेयरी ने टोकन वाले दूध की मांग को पूरा करने के लिए अपनी क्षमता को 10 लाख लीटर प्रति दिन तक बढ़ाया है। अब बड़ी संख्या में लोग वेंडिंग मशीनों से लाभान्वित होंगे, ऐसे में इस नकद प्रोत्साहन से उपभोक्ताओं को सालाना 140 करोड़ का लाभ होगा।