केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को दी मंजूरी, 1 अप्रैल से 30 सितंबर 2020 तक चलेगा एनपीआर अपडेटिंग का काम
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर यानी एनपीआर को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगी। केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक इस बार एनपीआर के लिए आंकड़े इकट्ठा करने का काम 1 अप्रैल 2020 से शुरू होगा और 30 सितंबर तक किया जाएगा। इसके लिए किसी तरह के दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी। ऐप के जरिए भी रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर यानी एनपीआर को मंजूरी दे दी है। देशभर में नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर यानी एनआरसी को लेकर मचे घमाशान के बीच सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट करने की मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगी।
केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक इस बार एनपीआर के लिए आंकड़े इकट्ठा करने का काम 1 अप्रैल 2020 से शुरू होगा और 30 सितंबर तक किया जाएगा। इसके लिए किसी तरह के दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी। ऐप के जरिए भी रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
एनपीआर की शुरुआत साल 2010 में हुई थी। उस समय इसको लेकर राज्य सरकारों में मतभेद थे, जिसके बाद बंगाल और केरल सरकार अपने यहां एनपीआर के लिए जारी प्रक्रिया को स्थगित करने का फैसला लिया था। ये वो रजिस्टर है, जिसमें देश में रहने वाले हर व्यक्ति की पूरी जानकारी होगी। इसमें देश के निवासियों से जुड़ी हर तरह की जानकारी होगी। एनपीआर का उद्देश्य लोगों का बायोमीट्रिक डेटा तैयार कर सरकारी योजनाओं का लाभ असली लाभार्थियों तक पहुंचाना भी है।
साल 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में एनपीआर तैयार करने की योजना की शुरुआत हुई थी। 2011 में जनगणना के पहले इस पर काम शुरू हुआ था। अब फिर 2021 में जनगणना होनी है। ऐसे में एनपीआर पर भी काम शुरू हो रहा है।
नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) में काफी अंतर है। एनपीआर का नागरिकता से कोई लेना-देना नहीं है। एनआरसी का उद्देश्य जहां देश में अवैध नागरिकों की पहचान करना है, वहीं 6 महीने या उससे अधिक समय से स्थानीय क्षेत्र में रहने वाले किसी भी निवासी को एनपीआर में आवश्यक रूप से पंजीकरण करना होता है। बाहरी व्यक्ति भी अगर देश के किसी हिस्से में 6 महीने से रह रहा है, तो उसे भी एनपीआर में दर्ज होना है।
कैबिनेट की बैठक में कई अन्य निर्णय लिए गए। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि पानी की समस्या से निपटने के लिए अटल भूजल योजना को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा रेलवे के पुनर्गठन को को मंजूरी दी गई है, जिसमें अब आठ की जगह अध्यक्ष सहित पांच सदस्य होंगे। साथ ही रेलवे के विभिन्न संवर्गों का विलय एकल रेलवे प्रबंधन प्रणाली में करने को भी स्वीकृति दे दी गई है।
प्रकाश जाबड़ेकर ने बताया कि कैबिनेट ने जनगणना के लिए 8,754.23 करोड़ के खर्च को मंजूर किया है। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के लिए 3,941.35 करोड़ रुपये के खर्च को मंजूरी दी है। कैबिनेट की बैठक में मनाली से लेह तक एक सुरंग (टनल) की योजना शुरू हुई थी, जिसका 80 फीसदी काम पूरा हो गया है। इससे 46 किमी का रास्ता और 5 घंटे का समय बचेगा। इसके लिए आज फिर से कुछ बजट मंजूर किया गया है।
8.8 किमी लंबा यह टनल दुनिया के सबसे टनल में से एक होगा। अटल टनल इसका नाम दिया गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता में नए संशोधन संबंधी अध्यादेश की मंजूरी दी है। सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने चीफ आफ डिफेंस स्टाफ के सृजन को भी मंजूरी दी है।
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