Corona Update : भारत में तेजी से हो रहा है प्राणघातक कोरोना वायरस का प्रसार, मरीजों की संख्या पहुंची 24 हजार के पार, अब तक 775 लोगों की हुई मौत

देश प्राणघातक करोना वायरस की चपेट में है। कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। भारत में कोरोना के मरीजों की संख्या 24 हजार के पार पहुंच चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में अब तक 24,506 लोग कोविड-19 के मरीज हैं। कोरोना से अब तक 775 लोगों की मौत हो चुकी है।

Corona Update : भारत में तेजी से हो रहा है प्राणघातक कोरोना वायरस का प्रसार, मरीजों की संख्या पहुंची 24 हजार के पार, अब तक 775 लोगों की हुई मौत
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Corona Update : भारत में तेजी से हो रहा है प्राणघातक कोरोना वायरस का प्रसार, मरीजों की संख्या पहुंची 24 हजार के पार, अब तक 775 लोगों की हुई मौत

देश प्राणघातक करोना वायरस की चपेट में है। कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। भारत में कोरोना के मरीजों की संख्या 24 हजार के पार पहुंच चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में अब तक 24,506 लोग कोविड-19 के मरीज हैं। कोरोना से अब तक 775 लोगों की मौत हो चुकी है।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की बात करें,तो 2500 से ज्यादा लोग कोरोना के मरीज हो चुके हैं। 53 लोगों की जान जा चुकी है। इसके अलावा दुनियाभर में मृतकों की संख्या दो लाख के पास पहुंचने वाली है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक दुनिया में कोरोना से मरने वालों की संख्या दो लाख के पास पहुंच चुकी है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार कोरोना वायरस के मामलों में एक बार फिर बढ़ोतरी हुई है। शनिवार को कोरोना मरीजों की संख्या 24,506 हो गई है। मरने वालों के तादाद भी 775 हो गई है। शुक्रवार को केंद्र सरकार ने दावा किया ता कि कोरोना को रोकथाम के लिए देश में लॉकडाउन का फैसला सही समय पर लिया गया और इसका फायदा हुआ है। यदि कदम नहीं उठाया होता तो देश में संक्रमितों की संख्या एक लाख पार कर चुकी होती। 

स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कांफ्रेंस के दौरान नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. पाल ने यह जानकारी दी। वह कोरोना पर बने समूह के प्रमुख भी हैं। डॉ. पाल ने कहा कि लॉकडाउन से पहले संक्रमितों की दोगुना होने की दर 3.3 दिन थी,जो अब दस दिन तक पहुंच गई है। सही समय पर लॉकडाउन का फैसला लेने से स्थित नियंत्रण में है।

उन्होंने कहा कि यह संक्रमितों के आंकड़ों से ही नहीं,बल्कि अन्य तरीकों से भी पुष्टि होती है। अस्पतालों के बाहर मरीजों की भीड़ नहीं है। दवाओं की बिक्री के पैटर्न से भी पता लगाया गया है कि कहीं भी रोगी बढ़ नहीं रहे हैं।