सुप्रीम कोर्ट से RO फिल्टर्स निर्माणकर्ताओं को नहीं मिली राहत,संबंधित मंत्रालय के पास जाने को कहा, NGT ने दिल्ली में RO के इस्तेमाल पर लगाया है प्रतिबंध

एनजीटी का कहना है कि आरओ फिल्टर्स अनावश्यक रूप से पीने योग्य 80 प्रतिशत पानी व्यर्थ कर देते हैं। एनजीटी ने अपने 20 मई के आदेश में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को दिल्ली में आरओ फिल्टर्स की बिक्री एवं उत्पादन के लिए नियम बनाने का आदेश दिया। साथ ही एनजीटी ने उन जगहों पर आरओ फिल्टर्स के इस्तेमाल पर रोक लगाई जहां के पानी में टीडीएस की मात्रा कम है। 

सुप्रीम कोर्ट से RO फिल्टर्स निर्माणकर्ताओं को नहीं मिली राहत,संबंधित मंत्रालय के पास जाने को कहा, NGT ने दिल्ली में RO के इस्तेमाल पर लगाया है प्रतिबंध
Pic Supreme Court Of India
सुप्रीम कोर्ट से RO फिल्टर्स निर्माणकर्ताओं को नहीं मिली राहत,संबंधित मंत्रालय के पास जाने को कहा, NGT ने दिल्ली में RO के इस्तेमाल पर लगाया है प्रतिबंध
सुप्रीम कोर्ट से RO फिल्टर्स निर्माणकर्ताओं को नहीं मिली राहत,संबंधित मंत्रालय के पास जाने को कहा, NGT ने दिल्ली में RO के इस्तेमाल पर लगाया है प्रतिबंध

देश की सर्वोच्च अदालत ने रिवर्स ऑस्मोसिस यानी आरओ निर्माणकर्ताओं को राहत देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने आरओ निर्माणकर्ताओं से अपनी शिकायत संबंधित मंत्रालय के पास ले जाने के लिए कहा है। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण यानी एनजीटी ने आरओ पर आंशिक रूप से प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। एनजीटी का कहना है कि प्यूरीफायर्स अनावश्यक रूप से पीने योग्य पानी व्यर्थ बर्बाद कर देते हैं। एनजीटी ने अपने आदेश में सरकार को प्यूरीफायर्स के इस्तेमाल पर लोगों को जागरूक करने के लिए भी कहा है।

वॉटर क्वालिटी इंडिया एसोसिएशन की ओर से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए आरएफ नरीमन एवं एस रवींद्र भट्ट की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि एसोसिएशन जरूरी दस्तावेजों के साथ 10 दिनों के भीतर संबंधित मंत्रालय के पास जा सकता है।

इसके बाद एनजीटी के निर्देश के अनुरूप अधिसूचना जारी करने से पहले सरकार इस बारे में विचार कर सकती है। सुनवाई के दौरान एसोसिएशन की ओर से पेश वकील ने दिल्ली में प्रदूषित पेयजल की आपूर्ति बताने वाली ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (बीआईएस) की रिपोर्ट का हवाला दिया।

आपको बताते चलें कि एनजीटी ने दिल्ली में आरओ फिल्टर्स के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है। एनजीटी ने उन जगहों पर आरओ फिल्टर्स न लगाने का आदेश दिया है, जहां के पानी में कुल घुलनशील पदार्थ यानी टीडीएस की मात्रा प्रति लीटर 500 मिलीग्राम से कम है। इस प्रतिबंध के खिलाफ वॉटर क्वालिटी इंडिया एसोसिएशन ने गुरुवार को शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है। 

एनजीटी का कहना है कि आरओ फिल्टर्स अनावश्यक रूप से पीने योग्य 80 प्रतिशत पानी व्यर्थ कर देते हैं। एनजीटी ने अपने 20 मई के आदेश में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को दिल्ली में आरओ फिल्टर्स की बिक्री एवं उत्पादन के लिए नियम बनाने का आदेश दिया। साथ ही एनजीटी ने उन जगहों पर आरओ फिल्टर्स के इस्तेमाल पर रोक लगाई जहां के पानी में टीडीएस की मात्रा कम है।