तेजस्वी का आया ट्वीट,गायब होने के आरोपों का दिया जवाब
राष्ट्रीय जनता दल नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट जरिए एक बार फिर से सक्रिय राजनीति में वापसी की है। ट्वीट में तेजस्वी ने अपने गायब रहने का कारण बीमारी का इलाज बताया है। उन्होंने लिखा है कि मेरी गैर-मौजूदगी में विरोधियों और मीडिया के एक तबके ने इसे लेकर मसालेदार कहानियां गढ़ने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है।
राष्ट्रीय जनता दल नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अभी सशरीर सामने नहीं आए हैं, लेकिन उनका ट्वीट आ गया है। इस ट्वीट के जरिए उन्होंने एक बार फिर से सक्रिय राजनीति में वापसी की है। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से तेजस्वी अपना इलाज करा रहे थे। बीजेपी समेत कई अन्य राजनीतिक दल तेजस्वी के लापता होने और गायब रहने की बात कह कर चुटकी ले रहे थे।
तेजस्वी ने अपने गायब रहने का कारण बीमारी का इलाज बताया है। उन्होंने विरोधियों पर निशाना साधते हुए लिखा है कि मेरी गैर-मौजूदगी में विरोधियों और मीडिया के एक तबके ने इसे लेकर मसालेदार कहानियां गढ़ने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है।
बिहार की नीतीश कुमार सरकार को कई मुद्दों को लेकर घेरने वाले तेजस्वी का पिछले काफी समय से न तो कोई ट्वीट आया था और न ही बयान, जिससे लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। यहां तक कि बिहार में जापानी एंसेफेलाइटिस से 173 से अधिक बच्चों की मौत के बाद भी राज्य में विपक्षी पार्टी आरजेडी फ्रंट पर नजर नहीं आ रही थी।
अब तेजस्वीर ने खुद ट्वीट कर बताया है कि आखिर इतने दिनों से वह कहां थे और किस वजह से सामने नहीं आ रहे थे। उन्होंटने एक के बाद एक कई ट्वीट कर बताया कि वह लिगामेंट और एसीएल इंजरी के ट्रीटमेंट के कारण पिछले कुछ सप्ताएह से व्यटस्तत थे, पर इस दौरान उनकी नजरें लगातार बिहार व देश के घटनाक्रमों पर बनी रही। उन्होंने मुजफ्फरपुर में जापानी एंसेफेलाइटिस के कारण बच्चोंव की मौत को लेकर भी टिप्प णी की, तो अपनी सार्वजनिक अनुपस्थिति के दौरान मीडिया में आई उनसे जुड़ी खबरों का भी जिक्र किया।
तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा, 'पिछले कुछ सप्ता ह से मैं लिंगामेंट और एसीएल इंजरी के इलाज में बिजी था, जिसे मैं काफी समय से टाल रहा था। इस दौरान मैं अपने बारे में राजनीतिक विरोधियों की टिप्पणियों और मीडिया के एक धड़े की खबरों को लेकर हैरान हूं।'
उन्होंने लिखा, 'हम उन लोगों के प्रति जिम्मेैदार हैं, जो हममें सामाजवादी-धर्मनिरपेक्ष व सामाजिक न्याोय का विकल्पर देखते हैं और लोगों को आश्व्स्तर करना चाहता हूं कि हम यहीं हैं और लड़ाई जारी है... हाल के घटनाक्रमों से मुझे चीजों को नए तरीके से समझने और उनके विश्लेहषण में मदद मिली।'
मुजफ्फरपुर में जापानी एंसेफेलाइटिस से बच्चों की मौत पर पहली बार टिप्परणी करते हुए उन्होंने लिखा, 'एईएस के कारण सैकड़ों गरीब बचचों की असामयिक मौत पर लगातार नजर बनाए हुए था। दुख की इस घड़ी में पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से तस्वीकरें खिंचवाए बगैर प्रभावित परिवारों के पास जाकर उनसे मिलने के लिए कहा तो सांसदों से इस मुद्दे को संसद में उठाने के लिए कहा और यही वजह है कि प्रधानमंत्री ने इस पर जवाब दिया। मेरा बिहार! मैं यहीं हूं।'
अपने ट्वीट में आरजेडी नेता ने यह भी कहा कि अपने गठन के समय से ही यह पार्टी गरीब लोगों के संघर्ष के केंद्र में रही है और वह जगह चुनावी हार के कारण समाप्तह नहीं हो जाती। उन्हों ने बिहार के लोगों और पार्टी कैडर को आश्वऔस्ता करते हुए कहा कि वे आम लोगों की रोजमर्रे की जिंदगी से जुड़े मुद्दों को लेकर संघर्ष जारी रखेंगे।
इस बीच आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि जनता ने जिसे वोट दिया उसे खोजे। दूसरे नेता को क्यों खोजा जा रहा है? चमकी बुखार से बच्चों की मौत हुई तो पूछा जा रहा है कि तेजस्वी मुजफ्फरपुर क्यों नहीं गए? वह कहां हैं? मैं पूछता हूं कि प्रधानमंत्री कहा हैं? लोग उन्हें खोजें जिन्हें अपना कीमती वोट दिया है।
उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर में इतने बच्चों की मौत हो गई। नरेंद्र मोदी क्यों नहीं आए? सभी ने मोदी को वोट दिया, अब वह कहां हैं? विपक्ष के नेता की कोई जिम्मेदारी नहीं है। विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी है हल्ला उठाने की तो हमलोग हल्ला उठा रहे हैं। बच्चों की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है? वोट दिया लोग मोदी को और खोज रहे हैं नेता विपक्ष को।
हालांकि रघुवंश प्रसाद सिंह के इस बयान पर उन्हीं की पार्टी के नेता भाई वीरेंद्र ने कहा कि वह बड़े नेता हैं। उन्हें इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए। जनता को जीतनेवाले और हारनेवाले दोनों को खोजने का समान अधिकार है।
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