उन्नाव कांड : पीड़िता के पिता की हत्या मामले में कुलदीप सेंगर समेत सात दोषी करार, चार आरोपी बरी,दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट 12 मार्च को सुनाएगी सजा

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में मौत के मामले में कुलदीप सेंगर समेत 7 आरोपियों को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने सेंगर को धारा 120 बी के तहत दोषी माना, जबकि 4 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। इस मामले में कोर्ट 12 मार्च को सजा सुनाएगी।

उन्नाव कांड : पीड़िता के पिता की हत्या मामले में कुलदीप सेंगर समेत सात दोषी करार, चार आरोपी बरी,दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट 12 मार्च को सुनाएगी सजा
उन्नाव कांड : पीड़िता के पिता की हत्या मामले में कुलदीप सेंगर समेत सात दोषी करार, चार आरोपी बरी,दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट 12 मार्च को सुनाएगी सजा
उन्नाव कांड : पीड़िता के पिता की हत्या मामले में कुलदीप सेंगर समेत सात दोषी करार, चार आरोपी बरी,दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट 12 मार्च को सुनाएगी सजा

उत्तर प्रदेश के उन्नाव में हुए दुष्कर्म मामले के दोषी बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में मौत के मामले में कुलदीप सेंगर समेत 7 आरोपियों को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने सेंगर को धारा 120 बी के तहत दोषी माना, जबकि 4 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है।इस मामले में कोर्ट 12 मार्च को सजा सुनाएगी।

तीस हजारी कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले में दोषी कुलदीप सेंगर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। 9 अप्रैल 2018 को उन्नाव में पीड़ित के पिता की हिरासत में मौत हो गई थी। परिजन ने सेंगर और उसके साथियों पर उनकी हत्या का आरोप लगाया था। 13 अगस्त 2019 को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने कहा था कि पीड़ित के पिता को फंसाया गया था। इसके बाद उन्हें हिरासत में भेज दिया गया, जहां उनकी मौत हो गई। इसके पीछे क्या कोई मंशा थी? यह जांच का विषय है।

न्यायाधीश ने कहा कि यह एक बड़ी साजिश थी, जो पीड़िता के पिता को पैरवी करने से रोकने के लिए की गई थी। कोर्ट ने कुलदीप सेंगर, उसके भाई अतुल सेंगर, उत्तर प्रदेश के 3 पुलिसकर्मियों और 6 अन्य लोगों पर आरोप तय किए थे। 29 फरवरी को हुई सुनवाई में अदालत ने फैसले के लिए 4 मार्च की तारीख तय की थी।

ज्ञात हो कि उन्नाव में कुलदीप सेंगर और उसके साथियों ने 2017 में नाबालिग को अगवाकर सामूहिक दुष्कर्म किया था। इस मामले की जांच सीबीआई ने की। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केस दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था। दिल्ली कोर्ट ने दोषी कुलदीप सिंह सेंगर को 20 दिसंबर को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए उसे मृत्यु तक जेल में रखने के आदेश दिए थे। सेंगर पर 25 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया गया था। कुलदीप सेंगर की विधानसभा सदस्यता भी रद्द की जा चुकी है।

आपको बताते चलें कि कुलदीप सेंगर की गिनती उत्तर प्रदेश के दलबदलू नेताओं में होती है। 4 बार से लगातार विधायक बन रहा कुलदीप कभी चुनाव नहीं हारा। उसने उन्नाव जिले की अलग-अलग सीटों से 3 बार चुनाव जीता। वह 2002 में पहली बार बहुजन समाज पार्टी से सदर, 2007 में समाजवादी पार्टी से बांगरमऊ और 2012 में भगवंतनगर से चुनाव जीता था। 2017 में उसने भारतीय जनता पार्टी से बांगरमऊ सीट पर चुनाव जीता था।