फेक न्यूज पर लगाम / वॉट्सऐप ने हर महीने डिलीट किए 20 लाख अकाउंट, क्योंकि इनसे गलत कंटेंट शेयर हो रहा था

फेक न्यूज के आरोपों से घिरे वॉट्सऐप ने दावा किया है कि उसने हर महीने गलत कंटेंट शेयर करने वाले 20 लाख अकाउंट को अपने प्लेटफॉर्म से हटाया है। बुधवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वॉट्सऐप के सॉफ्टवेयर इंजीनियर मैट जोन्स ने बताया कि मशीन लर्निंग के जरिए उन अकाउंट को बैन किया गया, जिनसे लगातार गलत कंटेंट के अलावा एक बार में कई मैसेज भेजे जा रहे थे।

फेक न्यूज पर लगाम / वॉट्सऐप ने हर महीने डिलीट किए 20 लाख अकाउंट, क्योंकि इनसे गलत कंटेंट शेयर हो रहा था

फेक न्यूज के आरोपों से घिरे वॉट्सऐप ने दावा किया है कि उसने हर महीने गलत कंटेंट शेयर करने वाले 20 लाख अकाउंट को अपने प्लेटफॉर्म से हटाया है। बुधवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वॉट्सऐप के सॉफ्टवेयर इंजीनियर मैट जोन्स ने बताया कि मशीन लर्निंग के जरिए उन अकाउंट को बैन किया गया, जिनसे लगातार गलत कंटेंट के अलावा एक बार में कई मैसेज भेजे जा रहे थे।

मैट जोन्स ने बताया कि, मशीन लर्निंग सिस्टम के जरिए उन अकाउंट्स को पकड़ा गया जिनसे एक साथ बल्क में मैसेज भेजे जाते थे। साथ ही उन नंबर को भी बैन किया गया है, जो अलग-अलग अकाउंट्स बनाते थे और जो कंपनी की नीतियों के खिलाफ काम करते थे। वॉट्सऐप के मुताबिक, ऐसा इसलिए किया गया ताकि फेक न्यूज और गलत कंटेंट को प्लेटफॉर्म पर फैलने से रोका जा सके।

अकाउंट बैन करने से पहले कई फैक्टर्स देखती है कंपनी
मैट जोन्स ने बताया कि, आज मशीन लर्निंग सिस्टम काफी एडवांस्ड हो गया है और इसके जरिए गलत कंटेंट शेयर करने वाले अकाउंट को पकड़ा जा सकता है। उन्होंने बताया कि, इस सिस्टम के जरिए 20 फीसदी अकाउंट रजिस्ट्रेशन के दौरान ही बैन कर दिए गए। वॉट्सऐप के मुताबिक, अकाउंट बैन करने से पहले कई तरह के फैक्टर्स देखे जाते हैं, जैसे- यूजर का आईपी एड्रेस और उस नंबर की ओरिजन कंट्री जहां से अकाउंट बनाया गया था। कंपनी ने दावा किया है कि 20 लाख में से 70% अकाउंट एक महीने में ही बैन कर दिए गए और इन्हें बैन करने में किसी इंसान का हाथ नहीं, बल्कि मशीन लर्निंग सिस्टम था।

वॉट्सऐप का गलत इस्तेमाल होता, इसे रोकना जरूरी
वॉट्सऐप ने एक बयान में कहा है कि, “दूसरे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की तरह ही वॉट्सऐप का भी कुछ लोग गलत इस्तेमाल करते हैं। कुछ लोग इसके जरिए ऐसी लिंक्स भेजते हैं जिससे लोगों की निजी जानकारी हासिल की जा सके। जबकि कुछ लोग इससे आइडिया शेयर करते हैं।” वॉट्सऐप ने कहा कि, ऑटोमैटिक और बल्क मैसेजिंग हमारी नीतियों के खिलाफ है और हमारी प्राथमिकता इस तरह के दुरुपयोग को रोकना है। वॉट्सऐप ने ये भी कहा कि, मशीन की मदद से यूजर्स को टारगेट किया जाता है और उन्हें स्पैम मैसेजेस भेजे जाते हैं। कंपनी ने बताया कि एक ऐसा मैकेनिज्म तैयार किया गया है जिसकी मदद से स्पैम फैलाने वाले अकाउंट की पहचान की जा सकती है।