आप भी जानिए जनाब! अब जम्मू-कश्मीर में क्या आएगा बदलाव?

जम्मू-कश्मीर में धारा 370 का शिथिलीकरण तो राष्ट्रपति के नोटिफिकेशन के साथ ही तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है। संसद में तो अब केवल पुनर्गठन विधेयक पारित होना है। जिसमें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाना है। ये वैसा ही होगा जैसे मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड और बिहार से अलग होकर झारखंड बना था।

 आप भी जानिए जनाब! अब जम्मू-कश्मीर में क्या आएगा बदलाव?
Pic of Jammu-Kashmir
 आप भी जानिए जनाब! अब जम्मू-कश्मीर में क्या आएगा बदलाव?
 आप भी जानिए जनाब! अब जम्मू-कश्मीर में क्या आएगा बदलाव?

जम्मू-कश्मीर को लेकर तमाम अटकलें अब समाप्त हो गई हैं। पिछले कुछ दिनों से जारी गतिरोध खत्म हो गए हैं। जम्मू-कश्मीर को लेकर लोगों के मन में जो सवाल थे,अब उसके जवाब मिल गए हैं। जम्मू-कश्मीर में क्या होने वाला है और वहां इतनी बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती क्यों की जा रही है? जैसे प्रश्नों के उत्तर भी मिल चुके हैं। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 में संशोधन का निर्णय लिया है। इसके लिए सरकार ने राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ अधिसूचना जारी की और राज्यसभा में इससे जुड़ा संकल्प भी पेश किया। पर आप सभी को सरकार के इस फैसले के मायने समझना भी जरूरी है। द इंडिया पल्स न्यूज आप सभी को विस्तार में बता रहा है

पहले और अब में क्या है अंतर?

दरअसल, आज से पहले भारतीय संसद के कई संवैधानिक फैसले जो कश्मीर पर लागू नहीं होते थे, वे अब पूरे देश की तरह यहां भी लागू होंगे। ऐसे वित्तीय फैसले भी जो अब तक वहां लागू नहीं होते थे, वे भी लागू होंगे। यही वजह है कि राष्ट्रपति के नोटिफिकेशन में अब जम्मू-कश्मीर में जो संविधान सभा थी, उसका नाम विधानसभा कर दिया गया है। पहले उसका नाम संविधान सभा इसलिए था, क्योंकि भारत की संसद की तरह ही वह कई संवैधानिक निर्णय करती थी। चाहे संसद में पारित निर्णयों को पारित करने का निर्णय हो, चाहे उसे नामंजूर करने का हो। सबसे बड़ी बात यह है कि अब देश का कोई भी नागरिक कश्मीर में उसी तरह रह या बस सकेगा, जिस तरह वह अन्य राज्यों में रह या बस सकता है।

कश्मीर से धारा 370 हटाने का मतलब?

वास्तव में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाई नहीं गई है। उसके तहत जो प्रतिबंध थे, उन्हें हटाया गया है। मतलब यह है कि इसके तहत कश्मीर को जो स्वायत्तता मिलती थी, जो अलग अधिकार मिलते थे, वे सब समाप्त हो गए हैं। जिस वजह से कहा जाता था कि एक देश में दो निशान, दो विधान, दो प्रधान, ये सब खत्म हो जाएंगे। धारा 370 का खण्ड एक लागू रहेगा जो कहता है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।

कब से लागू होंगे ये नए बदलाव?

धारा 370 का शिथिलीकरण तो राष्ट्रपति के नोटिफिकेशन के साथ ही तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है। संसद में तो अब केवल पुनर्गठन विधेयक पारित होना है। जिसमें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाना है। ये वैसा ही होगा जैसे मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड और बिहार से अलग होकर झारखंड बना था।

केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा क्यों?

आपको बताते चले कि जैसे दिल्ली में है, जैसे पुडुचेरी में है, वैसे ही जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा होगी। इसका मतलब यह है कि कश्मीर में चुनाव होंगे। विधायक होंगे, मुख्यमंत्री भी होगा। लेकिन पुलिस, सुरक्षा-व्यवस्था और अन्य पर केंद्र का अधिकार होगा। वहां की सरकार को हर निर्णय, हर प्रश्न पर उपराज्यपाल से राय लेनी होगी। हर तरह से जम्मू-कश्मीर केंद्र के अधीन ही होगा।

क्या आएगा बदलाव?

केंद्र सरकार के इस निर्णय के बाद जम्मू-कश्मीर में सब कुछ बदल जाएगा। जम्मू-कश्मीर के जो तीन सत्ता परिवार हैं, अब्दुल्ला परिवार, मुफ्ती परिवार और तीसरा कांग्रेस परिवार,उनके हाथ में अब कुछ नहीं रह जाएगा। देशभर के लोगों के कश्मीर में बसने और वहां व्यापार करने का रास्ता खुल जाएगा। विशेषकर होटल व्यवसाय में बड़ा बदलाव आ सकेगा। इसके पहले होटल इंडस्ट्री पर कई तरह के प्रतिबंध थे। बाकी देश के लोग जब यहां उद्योग-धंधे खोलेंगे तो आतंकवाद में कमी आएगी। कोई ऐसी गतिविधियों को आश्रय नहीं देगा। सबसे बड़ा बदलाव यह भी आएगा कि सेना की वहां उपस्थिति और उस पर खर्च धीरे-धीरे कम होता जाएगा। लद्दाख के अलग होने से वहां विकास तेजी से होगा। अभी तक घाटी के नेता इस ओर ध्यान नहीं देते थे।

कश्मीरियों की भावनाओं का क्या होगा?

यह जानना सभी के लिए आवश्यक है कि जम्मू-कश्मीर में तीन सत्ता परिवारों ने लोगों में ऐसा भ्रम बना रखा था। इस धारा के शिथिल होने से वहां के लोगों को ही फायदा होगा। इस धारा के हटने से इन सत्ता परिवारों का एकाधिकार खत्म होता है। इसलिए इन परिवारों ने किसी को भी इस धारा के बारे में सोचने तक नहीं दिया।