कोरोना वैक्सीन नहीं लेंगे हरियाणा के मंत्री अनिल विज, जनता से की लगवाने की अपील, बताई वजह
कोरोना टीकाकरण की शुरुआत भारत में 16 जनवरी से हुई थी। तब से अब तक एक करोड़ बीस लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। सबसे पहले हेल्थकेयर वर्कर्स से शुरुआत हुई थी, जिसके बाद दो फरवरी से फ्रंटलाइन वर्कर्स को लगाई जाने लगी। सरकार ने 20 फरवरी तक समयसीमा तय की थी कि सभी हेल्थकेयर वर्कर्स को कोरोना वायरस वैक्सीन का पहला डोज लगा दिया जाए। अधिकारियों ने बताया कि आठ राज्य 75 फीसदी हेल्थकेयर वर्कर्स को वैक्सीन की पहली डोज दे चुके हैं।
कोरोना वायरस वैक्सीन लगाने के दूसरे चरण की शुरुआत आज यानी 1 मार्च से हो गई है। इस चरण में 60 साल से अधिक उम्र के लोगों और गंभीर बीमारी वाले 45 साल से ऊपर के लोगों को टीका लगाया जा रहा है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने सुबह ही वैक्सीन ले ली है। इसके अलावा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी वैक्सीन लगवाई है। इस बीच हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने वैक्सीन न लगवाने का फैसला किया है। इसका कारण बताते हुए उन्होंने एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा- आज आम जनता के लिए कोरोना वैक्सीन शुरू होने जा रही है । सब को निस्संकोच लगवानी चाहिए । मैं तो नही लगवा पाऊंगा क्योंकि कोविड होने के बाद मेरी एंटीबाडी 300 बनी है जोकि बहुत ज्यादा है । शायद मैंने जो ट्रायल वैक्सीन लगवाई थी इसमे उसका भी योगदान हो । मुझे अभी वैक्सीन की जरूरत नहीं है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि एक मार्च से होने वाला टीकाकरण दस हजार सरकारी और 20 हजार प्राइवेट सेंटरों पर हो सकेगा। सरकारी सेंटर्स पर वैक्सीन मुफ्त में लगेगी, जबकि प्राइवेट में पैसे देने पड़ेंगे। जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ''जो लोग प्राइवेट अस्पताल में कोरोना की वैक्सीन लगवाना चाहेंगे, उन्हें पैसे खर्च करने पड़ेंगे। अस्पतालों और मैन्युफैक्चरर्स से बात करने के बाद आने वाले दो-तीन दिनों में प्राइवेट सेंटर पर लगने वाले पैसों के बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय फैसला ले लेगा।'' इस बीच, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनके अधिकांश सहयोगी (मंत्री) अपने टीकों का भुगतान करेंगे।
कोरोना टीकाकरण की शुरुआत भारत में 16 जनवरी से हुई थी। तब से अब तक एक करोड़ बीस लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। सबसे पहले हेल्थकेयर वर्कर्स से शुरुआत हुई थी, जिसके बाद दो फरवरी से फ्रंटलाइन वर्कर्स को लगाई जाने लगी। सरकार ने 20 फरवरी तक समयसीमा तय की थी कि सभी हेल्थकेयर वर्कर्स को कोरोना वायरस वैक्सीन का पहला डोज लगा दिया जाए। अधिकारियों ने बताया कि आठ राज्य 75 फीसदी हेल्थकेयर वर्कर्स को वैक्सीन की पहली डोज दे चुके हैं।
Comments (0)