बजट 2021: बिहार के रेल यात्रियों को पटना से बनारस और गुवाहाटी के लिए हाईस्पीड ट्रेन की सौगात

पटना से बनारस और पटना से गुवाहाटी के बीच हाईस्पीड ट्रेन चलाने का रास्ता साफ हो गया है। इससे बिहार समेत आधा दर्जन से अधिक राज्यों के करोड़ों लोगों को बड़ी सौगात मिलेगी। हाईस्पीड ट्रेनों से माल की ढुलाई में तेजी व राजस्व बढ़ोतरी से रेलवे भी मजबूत होगा। वहीं, यात्रियों के सफर की परिकल्पना भी बदल जाएगी। साथ ही रेलवे के सेफ्टी के लिए पूर्व मध्य रेल में बेहतर रिकॉर्ड को कायम रखने के लिए लगातार सिस्टम का रिनुअल जरूरी है।

बजट 2021: बिहार के रेल यात्रियों को पटना से बनारस और गुवाहाटी के लिए हाईस्पीड ट्रेन की सौगात

पटना से बनारस और गुवाहाटी के लिए रेल यात्रियों को हाईस्पीड ट्रेन की सौगात मिली है। केंद्रीय बजट में इसके लिए सरकार ने विशेष प्रावधान किए हैं। बजटीय प्रावधानों के अनुसार यूपी व बिहार के इलाके बंगाल के रास्ते पूर्वोतर भारत से हाईस्पीड रूट से जुड़ेंगे। बनारस से पटना होते गुवाहाटी तक के हाईस्पीड रूट से लोगों का समय बचेगा।

माना जा रहा है कि पटना से गुवाहाटी के बीच की रफ्तार पांच से छह घंटे में तय हो सकेगी जबकि पटना वाराणसी के बीच मात्र दो घंटे का सफर होगा। हाईस्पीड ट्रेन के लिहाज से पटरियों को दुरुस्त करने का काम जल्द शुरू होगा।

पूर्व मध्य रेल के पूर्व जीएम और रेलवे मामलों के विशेषज्ञ मधुरेश कुमार ने कहा कि लगभग एक हजार किमी से अधिक की दूरी चंद घंटों में तय होने से यात्रियों के समय की बड़ी बचत होगी। पटना से बनारस के बीच 245 किमी की दूरी है जबकि पटना से गुवाहाटी की 886 किमी का सफर हाइस्पीड ट्रेन से तय होगा।

रेलवे के विशेषज्ञ मधुरेश कुमार डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) रेलवे को गेम चेंजर की तरह मान रहे हैं। उनके अनुसार भारतीय रेलवे के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि गुड्स व पैसेंजर के लिए अलग समानांतर रूट होगा। सोनपुर गोमो रेलखंड को डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के रूप में विकसित किया गया है। डीएफसी रेलवे के ओवरऑल सिस्टम को बदल देगा। रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय रेलवे के संदर्भ में पहले यह कांसेप्ट था कि कोई ऐसा रूट हो जिसपर हाईस्पीड में ट्रेन चलाई जाए। लेकिन अब बजट में इसपर सहमति दे दी गई है। इससे माल ढुलाई से लेकर यात्री ट्रेनों की पंक्चुअलिटी में 10 गुना तक इजाफा होगा।

प्राइवेट प्लेयर्स बदलेंगे रेलवे की सूरत
बजट में रेलवे ने निजी कंपनियों के आने की योजना भी तैयार की है। डीएफसी रूट पर पीपीपी मोड में परिचालन होने से बाकी क्षेत्रों में भी निजी क्षेत्र के दखल बढ़ेंगे। हालांकि रेलवे को ध्यान में रखना होगा कि निजी कंपनियों को कहां इस्तेमाल करना है। सोननगर गोमो रूट पहले से स्वीकृत था, लेकिन अब इसको इस वित्तीय वर्ष में शुरू करने का कमिटमेंट किये जाने से बिहार समेत कई राज्यों के लिए बड़ी सौगात होगी। रेल परिसरों की तस्वीर बदलने में निजी कंपनियों की भूमिका बढ़ेगी और कई सेवाओं को उनके अधीन किया जाएगा। हालांकि मॉनिटरिंग का जिम्मा रेलवे करता रहेगा। 

कहते हैं विशेषज्ञ: 
पटना से बनारस और पटना से गुवाहाटी के बीच हाईस्पीड ट्रेन चलाने का रास्ता साफ हो गया है। इससे बिहार समेत आधा दर्जन से अधिक राज्यों के करोड़ों लोगों को बड़ी सौगात मिलेगी। हाईस्पीड ट्रेनों से माल की ढुलाई में तेजी व राजस्व बढ़ोतरी से रेलवे भी मजबूत होगा। वहीं, यात्रियों के सफर की परिकल्पना भी बदल जाएगी। साथ ही रेलवे के सेफ्टी के लिए पूर्व मध्य रेल में बेहतर रिकॉर्ड को कायम रखने के लिए लगातार सिस्टम का रिनुअल जरूरी है।
- मधुरेश कुमार, पूर्व मध्य रेल के पूर्व जीएम सह रेल यातायात विशेषज्ञ

आंकड़े: 
- पटना से बनारस की दूरी है 245 किमी
- पटना से गुवाहाटी की दूरी 886 किमी 
- कुल 1131 किमी रूट पर हाईस्पीड की सौगात