जनता दरबार में 1542 रुपये के लिए लगाई फरियाद, सीएम नीतीश के सामने रो पड़ा बुजुर्ग, कहा- कुछ कीजिये सर...
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में फरियाद लगाते हुए एक बुजुर्ग रोने लगा। बुजुर्ग ने सीएम नीतीश से कहा कि बिजली विभाग ने दौड़ा-दौड़ाकर परेशान कर दिया। हमने हर जगह सेटलमेंट के लिए आवेदन दिया। जब मैंने मुख्यमंत्री दरबार में शिकायत की तो आनन-फानन में सेटलमेंट हो गया और 1542 रुपये का चेक दिया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि सर कुछ कीजिए। एक छोटी सी समस्या के समाधान के लिए बिजली कंपनी के एमडी तक शिकायत की। लेकिन किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की। हम तो परेशान हुए लेकिन आगे कोई इस तरह से परेशानी में न पड़े इसे सुनिश्चित करिये। इस पर मुख्यमंत्री ने बिजली विभाग के सचिव को फोन कर कहा कि इस मामले को देखिए। जिसने भी देरी की है उस पर कार्रवाई करिए।
गौरतलब है कि 2016 के बाद दोबारा शुरू हुए जनता दरबार का यह दूसरा कार्यक्रम है। महीने का तीसरा सोमवार होने के नाते इस बार ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पथ निर्माण, पंचायती राज, पीएचईडी, कृषि, ऊर्जा, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण और सामान्य प्रशासन आदि विभागों से संबंधित मामले मुख्यमंत्री के समक्ष लोग रख रहे हैं। खगड़िया के परबत्ता से आये एक शख्स ने शिकायत की है कि इंदिरा आवास योजना का लाभ जानबूझ कर नहीं दिया जा रहा। किसी ने साजिश कर मेरे यहां लैंडलाइन नंबर के बारे में शिकायत कर दी। इस आधार पर उनका आवेदन खारिज कर दिया गया है। जबकि इस तरह की कोई बात नहीं। वे बहुत ही गरीब हैं और झोपड़ी में रहते हैं। इस पर सीएम नीतीश ने गहरी आपत्ति जताई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तुरंत ग्रामीण विकास विभाग के सचिव अरविंद चौधरी को फोन लगाया। उन्होंने कहा कि पूरे मामले को देखिए और जांच कराइए।
नल तो है लेकिन उसमें जल नहीं आता: वहीं जनता के दरबार में सीएम नीतीश के निश्चय योजना की पोल खुल गई। कई शिकायतकर्ताओं ने मुख्यमंत्री से कहा कि योजना पूरी तरह से बोगस है। नल -जल योजना का लाभ नहीं मिल रहा। धरातल पर कोई काम नहीं दिख रहा। नल तो है लेकिन उसमें जल नहीं आता। मुजफ्फफर के कटरा और पश्चिम चंपारण के चनपटिया से आये शिकायतकर्ताओं ने मुख्यमंत्री ने कहा कि जन-जल योजना में भारी गड़बड़ी है। शिकायत करने पर मुखिया द्वारा धमकी दी जाती है। दिखावे के लिए टंकी लगा दिया दिया गया लेकिन पानी नहीं आ रहा। वहीं पाइप भी बहुत घटिया लगाया गया है।
रोहतास के 2 आवेदकों ने मुख्यमंत्री से शिकायत किया कि पीएम सड़क योजना के तहत हमारे गांव में सड़क बनी लेकिन उसे अधूरा छोड़ दिया गया। गांव को सड़क से नहीं जोड़ा गया। इस पर मुख्यमंत्री ने आश्चर्य जताते हुए ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव को फोन लगाया। ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव को फोन लगाकर सीएम नीतीश ने कहा कि हमने तो पहले ही कह दिया है कि सभी गांवों को सड़क से जोड़ना है। पहले भी कई ऐसी शिकायत आई तो हमने इस पर कार्रवाई करने को कहा था। इसके बाद भी इस तरह की शिकायत मिल रही है। सीएम नीतीश ने कहा कि पूरे मामले की जांच कराईए।
दो एमएलसी का फंड लगा, अभी तक नहीं बनी सड़क: एक शिकायतकर्ता ने सीएम नीतीश से से कहा कि एक सड़क के निर्माण में 2 एमएलसी का फंड लगा और मनरेगा की 2 योजना लगी। फिर भी आज तक सड़क का कार्य पूर्ण नहीं हुआ। सरकारी राशि का भारी दुरूपयोग हुआ है। इस पर सीएम नीतीश ने आश्चर्य जताया और कहा कि 2-2 एमएलसी फंड लगा फिर भी सड़क नहीं बनी। मुख्यमंत्री ने विकास आयुक्त को फोन लगाकर कहा कि इस मामले को देखिए।
फर्जी बिल बना लाखों रुपये की निकासी की गई: बांका के शंभुगंज के अंचलाधिकारी पर घोटाले का आरोप लगा है। सीएम नीतीश के जनता दरबार में एक शख्स ने शिकायत की है कि कोरोना काल में फर्जी बिल लगाकर लाखों रुपये की निकासी कर ली गई। जिस दुकान का बिल लगाया गया वो है ही नहीं। कोरोना में शंभुगंज सीओ ने सरकारी राशि की लूट मचाया है। इस पर मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव को फोन कर पूरे मामले को देखने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री के जनता दरबार में नालंदा से आये एक शख्स ने शिकायत की है कि बाजार के नाली का पानी निजी जमीन में गिरता है। जबकि सरकारी पईन का अतिक्रमण किया गया है। इस पर सीएम नीतीश ने आश्चर्य जताया और कहा कि हम तो उधर जाते रहते हैं, कहां कोई शिकायत किया है। उन्होंने कहा कि यह मामला गंभीर है। तुरंत अधिकारियों से कहा कि इस मामले तो देखिए। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना खत्म होगा तब हम वहां आयेंगे और देखेंगे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इसे नोट कर लीजिए।
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