हादसा : मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में हुए दो अलग-अलग सड़क हादसे में 14 प्रवासी मजदूरों की मौत, 50 से अधिक घायल, राज्य सरकारों ने किया मुआवजे का ऐलान

मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में हुए दो अलग-अलग सड़क हादसे में 14 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई,जबकि 50 से अधिक घायल हो गए हैं। मध्य प्रदेश के गुणा में बुधवार की देर रात हुए भीषण सड़क हादसे में आठ प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई,जबकि उत्तर प्रदेश के मेरठ में बुधवार रात करीब एक बजे मुजफ्फरनगर-सहारनपुर स्टेट हाइवे पर पंजाब से लौट रहे 6 बिहारी प्रवासी मजदूरों को एक रोडवेज बस ने कुचल दिया।

हादसा : मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में हुए दो अलग-अलग सड़क हादसे में 14 प्रवासी मजदूरों की मौत, 50 से अधिक घायल, राज्य सरकारों ने किया मुआवजे का ऐलान
GFX of Guna-Muzaffernagar Road Accident
हादसा : मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में हुए दो अलग-अलग सड़क हादसे में 14 प्रवासी मजदूरों की मौत, 50 से अधिक घायल, राज्य सरकारों ने किया मुआवजे का ऐलान

मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में हुए दो अलग-अलग सड़क हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई। मध्य प्रदेश के गुणा में बुधवार की देर रात हुए भीषण सड़क हादसे में आठ प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई। इस हादसे में करीब 50 से अधिक मजदूर घायल हो गए हैं। सभी मजदूर ट्रक में सवार होकर महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश लौट रहे थे। तभी ट्रक की एक बस से टक्कर हो गई। ये मजदूर ट्रक में सफर कर रहे थे। सभी मृतक उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। राज्य सरकार की ओर से मुआवजे का ऐलान किया गया है।

यह हादसा गुना के कैंट थाना इलाके में हुआ। प्रवासी मजदूरों से भरे ट्रक और बस टक्कर के बाद चीख-पुकार मच गई। बस और ट्रक में इतनी जबरदस्त भिड़ंत हुई कि मौके पर ही आठ मजदूरों की मौत हो गई। हादसे की सूचना पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।

उत्तर प्रदेश के मेरठ में भी बुधवार रात करीब एक बजे दर्दनाक हादसे में 6 लोगों की जान चली गई। मुजफ्फरनगर-सहारनपुर स्टेट हाइवे पर पंजाब से लौट रहे मजदूरों को एक रोडवेज बस ने कुचल दिया। इस हादसे में छह मजदूरों की मौत हो गई और चार की हालत गंभीर है। सभी घायलों को मेरठ मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ये सभी बिहार के प्रवासी मजदूर बताए जा रहे हैं।

दरअसल,कोरोना लॉकडाउन की वजह से प्रवासी मजदूर जहां-तहां फंसे हुए हैं। रोजगार छिन जाने के बाद हजारों मजदूर खाने-पीने और रहने के लिए अपने घरों की ओर पलायन कर रहे हैं। लॉकडाउन में ट्रेन, बस सभी सेवाएं निलंबित हैं। सरकार की ओर से कुछ श्रमिक ट्रेनें चला रही हैं, जिससे मजदूरों को घर पहुंचाया जा रहा है। लेकिन लोगों की संख्या इतनी अधिक है कि ट्रेन न मिलने की स्थिति में पैदल ही अपने घरों की ओर चल पड़े हैं। बीते दिनों महाराष्ट्र में भी रेल की पटरी पर हादसे में 16 मजदूरों की जानें गई थी।