अजीत डोभाल बने रहेंगे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, केंद्र सरकार ने कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल का कार्यकाल 5 साल के लिए बढ़ा दिया है। साथ ही केंद्र सरकार की ओर से उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया गया है। अजीत डोभाल को दोबारा ये जिम्म्दारी राष्ट्रीय सुरक्षा क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए दी गई है।

अजीत डोभाल बने रहेंगे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, केंद्र सरकार ने कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया
Pic of NSA Ajit Doval with PM Narendra Modi

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल का कार्यकाल 5 साल के लिए बढ़ा दिया है। साथ ही केंद्र सरकार की ओर से उन्हें  कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया गया है। अजीत डोभाल को दोबारा ये जिम्म्दारी राष्ट्रीय सुरक्षा क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए दी गई है। उनकी नियुक्ति पांच साल के लिए हुई है। सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक की योजना का श्रेय डोभाल को दिया जाता है।

 पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक अजीत डोभाल की निगरानी में ही हुई थी। उन्होंने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसकी जानकारी दी थी। वह पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान भी सबसे ज्यादा चर्चा में आए थे। सितंबर 2016 में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक में भी अजीत डोभाल की बड़ी भूमिका रही थी। उन्होंने इस मिशन से पहले सेना तीनों सेना के प्रमुखों और खुफिया एजेंसियों के हेड के साथ आखिरी मीटिंग ली थी। मीटिंग में तय हुआ था कि मिशन के तहत एलओसी के उस पार आठ आतंकी कैंपों पर हमला किया जाएगा।

वास्तव में अजीत डोभाल की गिनती देश के सबसे तेज-तर्रार और ताकतवार नौकरशाहों में होती है। नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के अलावा रणनीतिक नीति समूह (स्ट्रैटिजिक पॉलिसी ग्रुप, SPG) का सचिव भी बना दिया गया था। आपको बताते चलें कि डोभाल पाकिस्तान के लाहौर में अपने देश की रक्षा के लिए 7 साल तक मुसलमान बनकर रहे थे। उन्हें भारत के सैन्य सम्मान कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। यह सम्मान पाने वाले वह पहले अफसर थे। 1968 केरल बैच के आईपीएस अधिकारी अजीत डोभाल अपनी नियुक्ति के चार साल 1972 में इंटेलीजेंस ब्यूरो से जुड़ गए थे। अजीत डोभाल ने करियर में ज्यादातर समय खुफिया विभाग में ही काम किया है।

बताया जाता है कि डोभाल सात साल तक पाकिस्तान में खुफिया जासूस रहे। साल 1989 में अजीत डोभाल ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से चरमपंथियों को निकालने के लिए 'ऑपरेशन ब्लैक थंडर' का नेतृत्व किया था। 30 मई 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजीत डोभाल को देश के 5वें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में नियुक्त किया था। उन्होंने अपनी सेवाएं मिजोरम, पंजाब, पाकिस्तान और यूनाइटेड किंगडम में दी हैं।