प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नासिक से किया महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का शंखनाद, देवेंद्र फडणवीस की सराहना, शरद पवार पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारों में राजनीतिक अस्थिरता के कारण महाराष्ट्र जिस तेजी से आगे बढ़ना चाहिए था, उस तेजी से आगे नहीं बढ़ा। मुंबई महानगरी की चकाचौंध में महाराष्ट्र के दूर दराज के क्षेत्र, वहां के गरीब, किसान राजनीतिक अस्थिरता के शिकार हो गए। लेकिन देवेंद्र फडणवीस जी ने 5 वर्ष अखंड और अविरत साधना करके महाराष्ट्र की सेवा की और राज्य को नई दिशा दी। अब महाराष्ट्र की जिम्मेवारी है कि एक बार फिर से देवेंद्र जी के नेतृत्व में स्थिर सरकार बनाने का काम करे।
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान अभी भले ही नहीं हुआ हो, लेकिन चुनावी सरगर्मी तेज जरूर हो गई है। तमाम दलों के नेता प्रदेश की जनता को लुभाने में जुट गए हैं। जनसभाओं और रैलियों को सिलसिला भी शुरू हो चुका है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गुरुवार को नासिक से विधानसभा चुनाव का शंखनाद किया।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फणडवीस की 'महाजनादेश यात्रा' के समापन अवसर पर एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज छत्रपति उदयन ने मेरे सिर पर एक छत्र रखा है। ये सम्मान भी है और छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रति दायित्व का भी प्रतीक है। वह एक विशेष धन्यता अनुभव कर रहे हैं और इसे अपने जीवन का बहुमूल्य पल मानते है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब लोकसभा चुनाव चरम पर था, तब वे डिंडोरी में एक सभा करने आए ते। उस सभा में ऐसा जनसैलाब उमड़ा था कि उसने पूरे देश में चल रही बीजेपी की लहर को और प्रचंड बना दिया था और आज नासिक की ये रैली और भी आगे निकल गई है। इतना ज्यादा जनसैलाब आज उमड़ा है।
'फडणवीस ने महाराष्ट्र को दी नई दिशा'
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारों में राजनीतिक अस्थिरता के कारण महाराष्ट्र जिस तेजी से आगे बढ़ना चाहिए था, उस तेजी से आगे नहीं बढ़ा। मुंबई महानगरी की चकाचौंध में महाराष्ट्र के दूर दराज के क्षेत्र, वहां के गरीब, किसान राजनीतिक अस्थिरता के शिकार हो गए। लेकिन देवेंद्र फडणवीस जी ने 5 वर्ष अखंड और अविरत साधना करके महाराष्ट्र की सेवा की और राज्य को नई दिशा दी। अब महाराष्ट्र की जिम्मेवारी है कि एक बार फिर से देवेंद्र जी के नेतृत्व में स्थिर सरकार बनाने का काम करे।
प्रधानमंत्री ने 100 में किए कार्यों को गिनाया
जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब लोकसभा का चुनाव हुआ, तो 60 साल के बाद पहली बार एक सरकार दोबारा चुनकर आई और पहले से ज्यादा बहुमत के साथ चुनकर आई। जब आप ताकत देते हैं तो सरकार कैसे काम करती है, हमारी सरकार के प्रथम 100 दिन का कार्यकाल इसका उदाहरण है। उन्होंने कहा कि केंद्र में नई सरकार को बनें 100 दिन पूरे हो चुके हैं और इस सरकार का पहला शतक आपके सामने है। उन्होंने कहा कि पहले शतक में देश, समाज और दुनिया में नए भारत के नए दृष्टिकोण की झलक है। कठिन चुनौतियों से टक्कर की ललक भी है, विकास का जोश भी है और भारत की वैश्विक ताकत का सन्देश भी है। इस शतक में धार भी है, रफ़्तार भी है और आने वाले 5 वर्षों की साफ़ सुथरी तस्वीर भी है।
वोट के लिए नहीं देश के लिए काम करती है सरकार’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने उद्बोधन में कहा कि राजनीतिक पंडित सरकार के हर काम को चुनाव से जोड़कर देखते हैं। जबकि हमारी सरकार ने देश के पशुधनों को बीमारी से बचाने के लिए उनका टीकाकरण करने का काम किया, जबकि वो तो वोट भी नहीं देते। इसलिए हमारी सरकार वोट के लिए नहीं देश के लिए काम करती है।
'देश से बड़ा कुछ नहीं'
प्रधानमंत्री ने वताया कि हाल में दो महाशक्तिशाली हैलिकॉप्टर हमारी सैन्य शक्ति का हिस्सा बन चुके हैं और बहुत जल्द राफेल फाइटर जेट भी हमारी वायुसेना को सशक्त करेगा। दुनिया के 100 से ज्यादा देशों को आज भारत में बनी बुलेट प्रूफ जैकेट निर्यात की जा रही है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार का मतलब ही है देश की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता। हमारे लिए देश से बड़ा कुछ नहीं है।
‘नया कश्मीर बनाना है, हर कश्मीरी को गले लगाना है’
नासिक में प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि हमने पूरे देश से वादा किया था कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख की समस्याओं के समाधान के लिए नए प्रयास करेंगे। आज मैं संतोष के साथ कह सकता हूं कि देश उस सपनों को साकार करने की दिशा में चल पड़ा है। जम्मू कश्मीर में भारत के संविधान को समग्रता से लागू करना सिर्फ एक सरकार का फैसला नहीं है, ये 130 करोड़ भारतीयों की भावना का प्रकटीकरण है। उन्होंने कहा कि कल तक हम कहते थे कि कश्मीर हमारा है। अब हर हिंदुस्तानी कहेगा कि हमें नया कश्मीर बनाना है, हर कश्मीरी को गले लगाना है और हमें वहां फिर से स्वर्ग बनाना है।
शरद पवार पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में अस्थिरता और अविश्वास फैलाने की तमाम को कोशिशें सीमा पार से हो रही हैं। लेकिन जम्मू-कश्मीर की आवाम इस हिंसा से बाहर निकलने का मन बना चुकी है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख नई संभावनाओं को गले लगा रहा है, लेकिन विपक्ष के साथी इसमें भी राजनैतिक स्वार्थ ढूंढ रहे हैं। दुर्भाग्य है कि इस फैसले के बाद कांग्रेस, एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं को जिस तरह का बर्ताव और सहयोग करना चाहिए था, वैसा दिख नहीं रहा। दुर्भाग्य है कि शरद पवार जैसे वरिष्ठ नेता गलत बयान दे रहे हैं। उन्हें पड़ोसी देश अच्छा लगता है। वहां के शासक-प्रशासक उनको कल्याणकारी लगते हैं। लेकिन पूरा महाराष्ट्र, पूरा भारत जानता है और पूरी दुनिया जानती है कि आतंक की फैक्ट्री कहां पर है।
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