अखिलेश यादव की करहल सीट से जीत, बीजेपी प्रत्याशी बघेल को हराया

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में करहल सीट हाई प्रोफाइल सीटों में से एक थी. सभी की निगाहें इस सीट पर टिकीं हुई थी. हालांकि सपा का गढ़ कहे जाने वाली इस सीट पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की जीत हुई है. उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री बघेल को हराया है.

अखिलेश यादव की करहल सीट से जीत, बीजेपी प्रत्याशी बघेल को हराया

 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में करहल सीट हाई प्रोफाइल सीटों में से एक थी. सभी की निगाहें इस सीट पर टिकीं हुई थी. हालांकि सपा का गढ़ कहे जाने वाली इस सीट पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) की जीत हुई है. उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री बघेल को हराया है. करहल में 62.32 प्रतिशत वोटिंग हुई थी.

करहल सीट को समाजवादी पार्टी का अभेद्य किला कहा जाता है. यहां से इस बार समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव तो आगरा से सांसद और केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल आमने-सामने हैं. अंतिम समय में भारतीय जनता पार्टी ने एसपी सिंह बघेल के नाम का ऐलान कर सबको चौंका दिया था. अखिलेश आज तक विधानसभा चुनाव नहीं लड़े हैं.

अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष है. उनका जन्म 1 जुलाई 1973 को इटावा जिले के सैफई गांव में समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी मालती देवी के यहां हुआ. उनका विवाह डिम्पल यादव के साथ 24 नवंबर 1999 को हुआ था. अखिलेश तीन बच्चों के पिता हैं. इनकी पत्नी सांसद का चुनाव लडी हैं पर 2019 में हार गई हैं

अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं. इससे पहले साल 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. साल 2012 में जब वह मुख्यमंत्री बने उस समय उनकी उम्र 38 वर्ष थी. उनका नाम उत्तर प्रदेश के इतिहास में अब तक के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री के तौर पर भी दर्ज है. अखिलेश यादव ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ (Azamgarh) से चुनाव लड़े और 17वीं लोकसभा के लिए चुनकर आए. साल 2000 में पहली बार कन्नौज लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर संसद के निचले सदन यानी लोकसभा में पहुंचे थे.

कितने पढ़े लिखे हैं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव:

अखिलेश यादव राजस्थान के धौलपुर मिलिट्री स्कूल (Dholpur Militry School) से हुई थी. साल 1990 में उन्होंने यहां से 12वीं पास की. इसके बाद उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय से 1994-95 में सिविल एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री ली. फिर इसी विषय में मास्टर डिग्री के लिए उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की सिडनी यूनिवर्सिटी का रुख किया. बाद में राजनीति में उन्होंने कदम रखा था.