सच होती दिख रही है प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी, रुझानों में बीजेपी 100 से नीचे सिमटी

सच होती दिख रही है प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी, रुझानों में बीजेपी 100 से नीचे सिमटी

पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के रुझानों ने कुल मिलाकर राज्य की सियासी तस्वीर साफ कर दी है। बंगाल में एक बार फिर से ममता बनर्जी की सरकार बनती दिख रही है। अगर बंगाल के रुझान फाइनल नतीजों में तब्दील होते हैं तो पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की टीएमसी की हैट्रिक जीत होगी और जीत का सपना संजोए भाजपा के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं होगा। अबतक के जो रुझान हैं, उससे साफ दिख रहा है कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी सच साबित होती दिख रही है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी तीन डिजिट यानी 100 के पार नहीं पहुंच पाई है। 

चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक, अबतक जो रुझान हैं उसमें तृणमूल कांग्रेस 201 सीटों पर लीड कर रही है, जबकि भारतीय जनता पार्टी 78 सीटों पर है। कांग्रेस एक सीट पर तो अन्य तीन सीटों पर आगे है। हालांकि, अभी तक 292 में से 284 सीटों का ही रुझान आया है। लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि नतीजों में बहुत ज्यादा कुछ बदलाव नहीं होगा। अगर ऐसा ही ट्रेंड रहा तो फिर पिछले चुनाव के मुकाबले भाजपा की सीटें तो बढ़ेंगी, मगर प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी भी सच साबित हो जाएगी। 

दरअसल, पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर कई बार सार्वजनिक रूप से इस बात का ऐलान कर चुके हैं कि अगर बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की सीटें 100 के पार हुईं तो वह अपना काम छोड़ देंगे। पहली बार जब उन्होंने ट्विटर पर यह ऐलान किया तो आईपैक के उनके कुछ सहयोगियों ने दावा किया कि पीके ट्विटर छोड़ने की बात कर रहे हैं। मगर हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर के सलाहकार बने प्रशांत किशोर ने न्यूज चैनल आजतक से इंटरव्यू में साफ किया था कि वह चुनावी रणनीतिकार का काम छोड़ देंगे। उन्होंने कहा था कि यदि बीजेपी की 100 से सीटें आती हैं तो उनके काम का कोई मतलब नहीं रह जाता है।

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा की 294 सीटें हैं, मगर दो कैंडिडेट के निधन की वजह से मतदान 292 सीटों पर हुआ है। जो पार्टी बहुमत के जादुई आंकड़े 147 सीटें को पार कर जाएगी, वही सरकार बनाने की दावेदारी पेश करेगी। अभी तक टीएमसी दो सौ सीटों से आगे चल रही है। इसका मतलब है कि अगर नतीजों में बहुत कुछ बदलाव नहीं हुआ तो एक बार फिर से बंगाल में टीएमसी की सरकार बनेगी। पिछली बार यानी साल 2016 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी को 211 सीटें मिली थीं। वहीं, कांग्रेस को 44, माकपा को 26 और भाजपा को महज 3 सीटें मिली थीं।

बंगाल के एग्जिट पोल्स ने क्या इशारे किए थे
एग्जिट पोल में पश्चिम बंगाल में एक बार फिर से ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी की सरकार बनती दिखी थी। हालांकि, यहां मामला 50-50 का था, क्योंकि आधे चैनल-एजेंसियों ने भाजपा को बड़ी संख्या में सीटें मिलने का अनुमान जताया था और सबसे बड़ी पार्टी बनने का दावा किया था।  एबीसी नील्सन-सी वोटर सर्वे के मुताबिक राज्य में टीएमसी को 152 से 164 सीटें मिल सकती हैं। वहीं 200 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा करने वाली बीजेपी को 109 से 121 सीटें ही मिलेंगी। रिपब्लिक टीवी-सीएनएक्स एग्जिट पोल के सर्वे में 138 से 148 सीटें बीजेपी को मिलने की उम्मीद जताई थी। वहीं ममता बनर्जी की टीएमसी को 128 से 138 सीटें मिल सकती हैं। लेफ्ट और कांग्रेस 11 से 21 सीटें मिल सकती हैं।