बिहार पंचायत चुनाव: तीन साल से जिला और थानों में जमे डीएसपी से लेकर दारोगा तक का होगा ट्रांसफर, जानें क्यों

बिहार पंचायत चुनाव: तीन साल से जिला और थानों में जमे डीएसपी से लेकर दारोगा तक का होगा ट्रांसफर, जानें क्यों

पंचायत चुनाव के मद्देनजर फील्ड में लंबे समय से तैनात पुलिस अफसरों को हटाने के आदेश दिए गए हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने एक ही जिले में 3 वर्षों से पदस्थापित डीएसपी रैंक के अफसरों के अलावा थाने में तैनात इंस्पेक्टर और दारोगा को स्थानांतरित करने को कहा है। इस संबंध में आयोग की ओर से गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद को पत्र लिखा गया है। 

डीएसपी, इंस्पेक्टर व एसआई प्रभावित होंगे: राज्य निर्वाचन आयोग के इस आदेश के बाद डीएसपी, इंस्पेक्टर और सब-इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अफसर स्थानांतरित किए जाएंगे। ये आदेश एक ही जिले में 3 वर्षों से जमे डीएसपी पर लागू होगा। डीएसपी के अतिरिक्त वैसे थानेदार या दारोगा जो 3 साल से एक ही थाने में पदस्थापित हैं उनका भी तबादला इस आदेश के तहत होगा। ऐसे पुलिस अफसरों का तबादला गृह जिले को छोड़कर अन्यत्र किया जाएगा। आयोग ने तीन साल की गणना के लिए कट ऑफ डेट 31 दिसंबर 2021 निर्धारित किया है। आयोग ने 15 दिनों के अंदर इस आदेश पर अमल करने को कहा है। आदेश में कहा है कि चूंकि पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी गई, लिहाजा इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए तबादले की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। 

आयोग की अनुमति के बिना इन अधिकारियों के तबादले नहीं: राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव के मद्देनजर कई स्तर के पदाधिकारियों के तबादले पर रोक लगा दी है। मुख्यसचिव को इस बाबत आयोग द्वारा पत्र लिखा गया है। जिला निर्वाचन पदाधिकारी (पंचायत), अनुमंडल पदाधिकारी, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, निर्वाची पदाधिकारी, सहायक निर्वाची पदाधिकारी और उप निर्वाचन पदाधिकारी (पंचायत) के स्थानांतरण पर चुनाव तक रोक रहेगी। पर वैसे अधिकारी जो तीन वर्षों से अधिक समय से पदस्थापित हैं उन्हें आयोग की अनुमति से स्थानांतरित किया जाएगा। निर्वाचन से जुड़े अन्य क्षेत्रीय पदाधिकारियों-कर्मचारियों के स्थानांतरण पर भी रोक रहेगी। निर्वाचन कार्य में प्रतिनियुक्त किए जानेवाले पदाधिकारियों-कर्मचारियों (शिक्षकों सहित) आदि के तबादले भी नहीं होंगे। 

प्रशासनिक दृष्टिकोण से चुनाव से जुड़े किसी पदाधिकारी-कर्मचारी का पदस्थापन या स्थानांतरण आवश्यक होने पर सक्षम पदाधिकारी द्वारा इसकी पूर्वानुमति आयोग से लेनी होगी। सचिवालय के साथ मेडिकल या पारा मेडिकल और आपातकालीन सेवाओं से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी इस आदेश से मुक्त रहेंगे।