केंद्र सरकार ने ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ का किया गठन,अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए स्वतंत्र होगा यह ट्रस्ट,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में दी जानकारी

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र मंदिर का निर्माण करेगा। केंद्र सरकार ने मंदिर निर्माण के लिए ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट का गठन किया है। सर्वोच्च अदालत ने 9 नवंबर को अयोध्या मामले में फैसला सुनाया था। इसमें 3 महीने के अंदर ट्रस्ट के गठन का आदेश दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राम मंदिर का निर्माण करने वाले ट्रस्ट का ऐलान किया।

केंद्र सरकार ने ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ का किया गठन,अयोध्या  में राम मंदिर निर्माण के लिए स्वतंत्र होगा यह ट्रस्ट,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में दी जानकारी
Pic of Prime Minister Narendra Modi
केंद्र सरकार ने ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ का किया गठन,अयोध्या  में राम मंदिर निर्माण के लिए स्वतंत्र होगा यह ट्रस्ट,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में दी जानकारी
केंद्र सरकार ने ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ का किया गठन,अयोध्या  में राम मंदिर निर्माण के लिए स्वतंत्र होगा यह ट्रस्ट,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में दी जानकारी
केंद्र सरकार ने ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ का किया गठन,अयोध्या  में राम मंदिर निर्माण के लिए स्वतंत्र होगा यह ट्रस्ट,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में दी जानकारी
केंद्र सरकार ने ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ का किया गठन,अयोध्या  में राम मंदिर निर्माण के लिए स्वतंत्र होगा यह ट्रस्ट,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में दी जानकारी

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र मंदिर का निर्माण करेगा। केंद्र सरकार ने मंदिर निर्माण के लिए ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट का गठन किया है। सर्वोच्च अदालत ने 9 नवंबर को अयोध्या मामले में फैसला सुनाया था। इसमें 3 महीने के अंदर ट्रस्ट के गठन का आदेश दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राम मंदिर का निर्माण करने वाले ट्रस्ट का ऐलान किया।

केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद  प्रधानमंत्री ने संसद में बताया कि राम मंदिर का निर्माण करने वाले ट्रस्ट का नाम श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र होगा। यह पूरी तरह से मंदिर निर्माण कार्य के लिए स्वतंत्र होगा। उन्होंने बताया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड के लिए पांच एकड़ जमीन को भी राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है।

उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए अयोध्या कानून के तहत अधिग्रहीत पूरी 67 एकड़ भूमि नवगठित ट्रस्ट को देने का निर्णय लिया गया है। सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ भूमि देने का केंद्र का अनुरोध राज्य सरकार ने स्वीकार कर लिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा,'आज मैं बहुत ही अहम मुद्दे पर एक जानकारी देने के लिए उपस्थित हुआ हूं। यह विषय करोड़ों देशवासियों की तरह मेरे हृदय के लिए भी करीब है। यह विषय श्रीराम जन्मभूमि से जुड़ा हुआ है। यह विषय अयोध्या में श्रीराम जन्मस्थली पर भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण से जुड़ा हुआ है।' 

प्रधानमंत्री ने कहा, '9 नवंबर 2019 को मैं करतापुर साहिब कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए पंजाब में था। उस दिन दिव्य वातावरण में मुझे देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा राम जन्मभूमि को लेकर फैसले के बारे में पता चला था। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि इस पर राम लला का ही हक है। अदालत ने यह भी कहा था कि केंद्र और राज्य सरकार आपस में परामर्श कर सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन आवंटित करे।'

प्रधानमंत्री ने कहा,‘आज मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि आज सुबह हुई कैबिनेट की बैठक में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। मेरी सरकार ने कोर्ट के आदेशानुसार श्रीरामजन्मस्थली पर भगवान राम के मंदिर के निर्माण के लिए एक वृहत योजना तैयार की है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, भगवान राम के मंदिर ट्रस्ट का नाम श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र होगा। यह ट्रस्ट मंदिर निर्माण पर फैसले लेने के लिए पूर्ण तौर पर स्वतंत्र होगा।‘

प्रधानमंत्री ने कहा कि 9 नवंबर को रामजन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सभी लोगों ने परिपक्वता का उदाहरण दिया था। आज सदन में मैं सभी देशवासियों का इसके लिए प्रशंसा करता हूं। क्योंकि भारत में हर पंथ के लोग एक वृहद परिवार के सदस्य हैं। इस परिवार के हर सदस्य का विकास हो, वे सुखी और स्वस्थ हों, इस दिशा में उनकी सरकार 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के मंत्र के साथ काम कर रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद में अयोध्या धाम की पवित्रता से हम सभी भलीभांति परिचित हैं। अयोध्या में मंदिर निर्माण और  भविष्य में राम लला के दर्शन के लिए और आने वाले समय में श्रद्धालुओं की संख्या और उनकी भावना का ध्यान रखते हुए एक फैसला लिया गया है। मेरी सरकार ने फैसला किया है कि अधिगृहित संपूर्ण भूमि जो लगभग 67.03 एकड़ है, जिसमें भीतरी और बाहरी आंगन भी सम्मिलित है, उसे नव गठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को दिया जाएगा।