कांग्रेस ने कश्मीर में इंटरनेट की पाबंदी पर आए शीर्ष अदालत के आदेश का किया स्वागत,केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के लिए बताया साल 2020 का पहला बड़ा झटका
देश की विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट की पाबंदियों पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के लिए साल-2020 का झटका बताया है। कांग्रेस ने कहा कि कोर्ट के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह स्मरण कराया गया है कि देश उनके सामने नहीं, संविधान के समक्ष झुकता है।
देश की विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट की पाबंदियों पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के लिए साल-2020 का झटका बताया है। कांग्रेस ने कहा कि कोर्ट के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह स्मरण कराया गया है कि देश उनके सामने नहीं, संविधान के समक्ष झुकता है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, 'उच्चतम न्यायालय ने मोदी सरकार की गैरकानूनी गतिविधियों को यह कहते हुए पहला बड़ा झटका दिया कि इंटरनेट की आजादी एक मौलिक अधिकार है।' उन्होंने कहा, 'मोदी-शाह के लिए दोहरा झटका है कि विरोध को धारा 144 लगाकर नहीं दबाया जा सकता। उन्होंने कहा कि मोदी जी को याद दिलाया गया है कि राष्ट्र उनके सामने नहीं, संविधान के सामने झुकता है।'
दरअसल, न्यायमूर्ति एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से अस्पतालों,शैक्षणिक संस्थानों जैसी आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाली सभी संस्थाओं में इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने के लिए कहा है। संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत इंटरनेट के इस्तेमाल को मौलिक अधिकार का हिस्सा बताते हुए सर्वोच्च अदालत ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से इंटरनेट के निलंबन के सभी आदेशों की समीक्षा करने के लिए कहा है।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि किसी विचार को दबाने के लिए धारा 144 सीआरपीसी (निषेधाज्ञा) का इस्तेमाल उपकरण के तौर पर नहीं किया जा सकता है। मजिस्ट्रेट को निषेधाज्ञा जारी करते समय इसपर विचार करना चाहिए और आनुपातिकता के सिद्धांत का पालन करना चाहिए।
Comments (0)