Corona Update : जानिए,कोरोना संकट में केंद्र सरकार कैसे जीतेगी आर्थिक लड़ाई? भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारियों ने सरकार को क्या दिए हैं सुझाव? 

विश्वव्यापी कोरोना संकट के बीच भारतीय राजस्व सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों ने केंद्र सरकार को महत्पूर्ण सुझाव दिए हैं। भारतीय राजस्व सेवा संघ ने सरकार को कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सुपर रिच लोगों से ज्यादा टैक्स वसूलने का सुझाव दिया है। विदेशी कंपनियों से भी अधिक टैक्स वसूलने की बात भी कही गई है,ताकि मौजूदा संकट में नकदी प्रवाह की कमी से निपटा जा सके।

Corona Update : जानिए,कोरोना संकट में केंद्र सरकार कैसे जीतेगी आर्थिक लड़ाई? भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारियों ने सरकार को क्या दिए हैं सुझाव? 
Pic of Income Tax Building
Corona Update : जानिए,कोरोना संकट में केंद्र सरकार कैसे जीतेगी आर्थिक लड़ाई? भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारियों ने सरकार को क्या दिए हैं सुझाव? 
Corona Update : जानिए,कोरोना संकट में केंद्र सरकार कैसे जीतेगी आर्थिक लड़ाई? भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारियों ने सरकार को क्या दिए हैं सुझाव? 

विश्वव्यापी कोरोना संकट के बीच भारतीय राजस्व सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों ने केंद्र सरकार को महत्पूर्ण सुझाव दिए हैं। भारतीय राजस्व सेवा संघ ने सरकार को कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सुपर रिच लोगों से ज्यादा टैक्स वसूलने का सुझाव दिया है। विदेशी कंपनियों से भी अधिक टैक्स वसूलने की बात भी कही गई है,ताकि मौजूदा संकट में नकदी प्रवाह की कमी से निपटा जा सके।

फिस्कल ऑप्शन ऐंड रिस्पांन्स टू द कोविड-19 एपिडेमिक यानी 'Force' टाइटल से लिखे गए एक पेपर में ये सुझाव दिए गए हैं। पेपर में कहा गया है कि सुपर रिच पर टैक्स को बढ़ाकर 40 फीसदी कर दिया जाए। इसमें 1 करोड़ रुपये से अधिक कमाई करने वाले लोग आते हैं और फिलहाल उन्हें 30 फीसदी ही टैक्स देना होता है।

पेपर में यह भी कहा गया है कि जो लोग सालाना 5 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई करते हैं उनसे वेल्थ टैक्स भी वसूला जाए। ऐसा 3 से 6 महीने के लिए किया जा सकता है। फोर्स में कहा गया है कि आम बजट 2021 में सुपर रिच पर जो सरचार्ज लगाया गया है, उससे सरकार की झोली में सालाना 2,700 करोड़ रुपये ही आएंगे। ऐसे में इन पर लगने वाले टैक्स स्लैब को बढ़ाया जाए।

फोर्स ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के चेयरमैन पीसी मोदी को जो पेपर लिखे हैं,उसके मुताबिक टैक्स राहत को ईमानदार और अनुपालन करने वाले टैक्सपेयर्स तक ही सीमित रखना चाहिए। राहत के दायरे में समय पर रिटर्न दाखिल करने वाले टैक्सपेयर्स ही आने चाहिए। ऐसे कई मामले हैं जहां बोगस क्लेम के जरिए टैक्स राहत की कोशिश की जाती है और कुछ मामलों में तो टैक्स रिटर्न भी समय पर दाखिल नहीं किया जाता है।

फोर्स को तैयार करने में भारतीय राजस्व सेवा के 50 अधिकारी शामिल हुए हैं। अधिकारियों के इस ग्रुप ने यह भी सुझाव दिया है कि अल्ट्रा रिच लोगों पर सीमित समय के लिए दो तरीकों से टैक्स वसूला जाए। पहला तो यह कि 1 करोड़ रुपये से अधिक की सालाना कमाई करने वालों पर 30 फीसदी की जगह 40 फीसदी टैक्स वसूला जाए, जबकि दूसरा तरीका यह है कि 5 करोड़ रुपये से अधिक की सालाना कमाई करने वाले लोगों के लिए वेल्थ टैक्स को फिर से लाया जाए।

फोर्स में मध्यावधि यानी 9 से 12 महीनों के लिए कहा गया है कि विदेशी कंपनियों के इनकम पर सरचार्ज बढ़ाकर अतिरिक्त रेवेन्यू जुटाया जाए। वर्तमान में 1 से 10 करोड़ रुपये की सालाना कमाई करने वाली विदेशी कंपनियों को 2 फीसदी सरचार्ज और 10 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई करने पर 5 फीसदी सरचार्ज देना होता है।

पेपर में अतिरिक्त रेवेन्यू जुटाने के लिए कोविड-19 सेस भी लागू करने का सुझाव दिया गया है। फाइनेंस कैपिटल इन्वेस्टमेंट पर एक बार के लिए 'COVID Relief Cess' वसूला जा सकता है। शुरुआती एसेसमेंट के मुताबिक इस तरह के सेस से सरकार की झोली में 15-18 हजार करोड़ रुपये आ सकते हैं। ज्ञात हो कि हाल ही में केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए महंगाई भत्ते पर रोक लगा दी है। सरकार के इस कदम से 37,000 करोड़ रुपये की बचत करने में मदद मिलेगी।