भयावह स्तर पर देश की बेराजगारी दर,फरवरी में बढ़कर 7.78 प्रतिशत पर पहुंची,पिछले चार महीनों में है सबसे ज्यादा 

केंद्र और राज्य सरकारों के तमाम वादों और दावों के बावजूद बेरोजगारी की स्थिति में कोई सुधार होता नजर नहीं आ रहा है। बेराजगारी प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। लोगों के पास न तो रोजगार है और ना ही नौकरी, केंद्र सरकार ने प्रतिवर्ष दो करोड़ लोगों को नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन हकीकत यह है कि साल 2020 के फरवरी महीने में भारत की बेरोजगारी दर 7.78 फीसदी तक पहुंच गई है। यह आंकड़ा पिछले चार महीनों में सबसे ज्यादा है।

भयावह स्तर पर देश की बेराजगारी दर,फरवरी में बढ़कर 7.78 प्रतिशत पर पहुंची,पिछले चार महीनों में है सबसे ज्यादा 
GFX On Unemployment In India
भयावह स्तर पर देश की बेराजगारी दर,फरवरी में बढ़कर 7.78 प्रतिशत पर पहुंची,पिछले चार महीनों में है सबसे ज्यादा 

केंद्र और राज्य सरकारों के तमाम वादों और दावों के बावजूद बेरोजगारी की स्थिति में कोई सुधार होता नजर नहीं आ रहा है। बेराजगारी प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। लोगों के पास न तो रोजगार है और ना ही नौकरी, केंद्र सरकार ने प्रतिवर्ष दो करोड़ लोगों को नौकरी देने का वादा किया था,लेकिन हकीकत यह है कि साल 2020 के फरवरी महीने में भारत की बेरोजगारी दर 7.78 फीसदी तक पहुंच गई है। यह आंकड़ा पिछले चार महीनों में सबसे ज्यादा है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी यानी सीएसइआई ने सोमवार को डेटा जारी कर यह जानकारी दी है।

ज्ञात हो कि साल 2019 के सितंबर से दिसंबर तक के चार महीनों में बेरोजगारी की दर 7.5 फीसदी थी। बेरोजगारी की दर अगस्त और अक्टूबर 2019 में 8 प्रतिशत को पार कर गई थी। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी के डेटा की मानें तो भारत के ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी दर फरवरी में बढ़कर 7.37 फीसदी तक पहुंच गई है। शहरी इलाकों में यह 9.70 फीसदी से 8.65 फीसदी गिर गई है। ग्रामीण और शहरी बेरोजगारी दर के बीच अंतर में वृद्धि हुई है।

गौरतलब है कि जनवरी 2020 में ग्रामीण बेरोजगारी दर 6 फीसदी थी और दिसंबर 2019 में यह 6.9 फीसदी थी। अक्टूबर 2019 में यह 8 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। ग्रामीण भारत में जहां बेरोजगारी में गिरावट काफी तेज रही है, वहीं शहरी बेरोजगारी की बात करें,तो जनवरी 2020 में यह काफी बढ़ गई। यह दिसंबर 2019 में 9 प्रतिशत की तुलना में 9.7 प्रतिशत पर पहुंच गई। अगस्त 2019 में 9.71 फीसदी थी और अब यह 9.71 प्रतिशत के करीब है।