महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर आज शाम हो सकता है औपचारिक ऐलान, शिवसेना,कांग्रेस और एनसीपी के बीच बनी सहमति,राज्यपाल से भी मिल सकते हैं तीनों दलों के नेता

महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच बने गठबंधन सरकार का नाम महा विकास आघाडी (महा विकास गठबंधन) होगा। तीनों दलों में मंत्री पदों का समान बंटवारा होगा। पहले कहा जा रहा था कि चार विधायकों पर एक मंत्री पद दिया जाएगा, लेकिन कांग्रेस का प्रस्ताव था कि मंत्री पदों का समान बंटवारा हो। तीनों दलों में इस पर सहमति बन भी गई है। हालांकि सत्ता के बंटवारे फॉर्मूला की अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई।

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर आज शाम हो सकता है औपचारिक ऐलान, शिवसेना,कांग्रेस और एनसीपी के बीच बनी सहमति,राज्यपाल से भी मिल सकते हैं तीनों दलों के नेता
GFX of Sharad Pawar, Uddhav Thakery and Sonia gandhi On maharashtra Government Formation
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर आज शाम हो सकता है औपचारिक ऐलान, शिवसेना,कांग्रेस और एनसीपी के बीच बनी सहमति,राज्यपाल से भी मिल सकते हैं तीनों दलों के नेता
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर आज शाम हो सकता है औपचारिक ऐलान, शिवसेना,कांग्रेस और एनसीपी के बीच बनी सहमति,राज्यपाल से भी मिल सकते हैं तीनों दलों के नेता
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर आज शाम हो सकता है औपचारिक ऐलान, शिवसेना,कांग्रेस और एनसीपी के बीच बनी सहमति,राज्यपाल से भी मिल सकते हैं तीनों दलों के नेता
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर आज शाम हो सकता है औपचारिक ऐलान, शिवसेना,कांग्रेस और एनसीपी के बीच बनी सहमति,राज्यपाल से भी मिल सकते हैं तीनों दलों के नेता

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर पिछले 29 दिनों से जारी गतिरोध अब समाप्त होता नजर आ रहा है। शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच सहमति बन गई है। तीनों दल अब आज यानी शुक्रवार को सरकार बनाने का विधिवत ऐलान कर सकते हैं। शिवसेना के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि आज तीनों दलों की बैठक होनी हैं। फिर राज्यपाल से मुलाकात की तारीख तय होगी।

संजय राउत ने कहा कि मुख्यमंत्री पूरे 5 साल के लिए शिवसेना का ही होगा। शिवसैनिकों की इच्छा है कि उद्धव ठाकरे जी मुख्यमंत्री का पद भार ग्रहण करें। बीजेपी की ओर से ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री का प्रस्ताव मिलने के दावे को संजय राउत ने एक बार फिर से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि अब वह हमें इंद्र का सिंहासन भी दें, तो उनके साथ सरकार नहीं बनाएंगे।

गौरतलब है कि आज मुंबई में कई बैठकें होनी हैं। मातोश्री में जहां शिवसेना विधायकों के साथ उद्धव ठाकरे की बैठक है। वहीं, कांग्रेस-एनसीपी भी गठबंधन के अन्य दलों के साथ बैठक करेंगे। इसके बाद शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच आखिरी दौर की एक और बातचीत होगी। ऐसे में उम्मीद है कि शाम तक तीनों दल साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार बनाने का ऐलान कर सकते हैं।

आपको बताते चलें कि इससे पहले गुरुवार रात एनसीपी प्रमुख शरद पवार और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मुलाकात की। ऐसा माना जा रहा है कि इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने सरकार बनाने का ब्लूप्रिंट फाइनल कर लिया है। गुरुवार को ही दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति ने शिवसेना के साथ सरकार बनाने को लेकर सहमति जताई थी।

शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच बने गठबंधन सरकार का नाम महा विकास आघाडी (महा विकास गठबंधन) होगा। कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चह्वाण ने कहा था कि एनसीपी-कांग्रेस के बीच सभी मुद्दों पर चर्चा के बाद आम सहमति बन गई है।

बताया जा रहा है कि तीनों दलों में मंत्री पदों का समान बंटवारा होगा। पहले कहा जा रहा था कि चार विधायकों पर एक मंत्री पद दिया जाएगा, लेकिन कांग्रेस का प्रस्ताव था कि मंत्री पदों का समान बंटवारा हो। तीनों दलों में इस पर सहमति बन भी गई है। हालांकि सत्ता के बंटवारे फॉर्मूला की अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई।

शिवसेना और एनसीपी के बीच मुख्यमंत्री पद ढाई-ढाई साल बांटे जाने की भी खबर है। हालांकि, इस बारे में भी कोई अधिकृत पुष्टि नहीं है। कांग्रेस नेता विजय वड्टेटीवार का एक बयान जरूर सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा।

बताया यह भी जा रहा है कि मुख्यमंत्री का पद शिवसेना को दिया जाएगा, जबकि कांग्रेस और एनसीपी को उपमुख्यमंत्री पद मिलेगा। इसके अलावा शिवसेना से 16, एनसीपी से 14 और कांग्रेस कोटे से 12 मंत्री बनाए जाएंगे। विधानसभा अध्यक्ष का पद भी कांग्रेस के खाते में जा सकता है।

गठबंधन सरकार के कामकाज में समन्वय बनाए रखने के लिए तीनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं की समन्वय समिति बनाए जाने का फैसला हुआ है। इसमें मुख्यमंत्री के अलावा तीनों पार्टियों के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। समिति में सदस्यों की संख्या 12 हो सकती है, जिसमें हर पार्टी से चार प्रमुख नेता शामिल होंगे।