जनरल बिपिन रावत ने संभाला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद,तीनों सेना प्रमुखों से की मुलाकात,सरकार और सेना के बीच स्थापित करेंगे समनवय 

जनरल बिपिन रावत ने देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के तौर पर पदभार ग्रहण कर लिया है। सीडीएस का पद संभालने से पहले उनको रक्षा मंत्रालय यानी साउथ ब्लॉक में गार्ड ऑफ आनर दिया। उन्होंने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। सीडीएस ने कहा कि हम तीनों सेनाओं को एकजुट करने का प्रयास करेंगे। तीनों सेनाएं एक टीम की तरह काम करेंगे। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को दिए गए कार्य के अनुसार हमें एकीकरण को बढ़ाकर बेहतर संसाधन प्रबंधन करना होगा। तीनों सेनाओं के लिए मेरा व्यवहार एक जैसा होगा।

जनरल बिपिन रावत ने संभाला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद,तीनों सेना प्रमुखों से की मुलाकात,सरकार और सेना के बीच स्थापित करेंगे समनवय 
Pic First CDS of India General Bipin Rawat
जनरल बिपिन रावत ने संभाला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद,तीनों सेना प्रमुखों से की मुलाकात,सरकार और सेना के बीच स्थापित करेंगे समनवय 
जनरल बिपिन रावत ने संभाला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद,तीनों सेना प्रमुखों से की मुलाकात,सरकार और सेना के बीच स्थापित करेंगे समनवय 
जनरल बिपिन रावत ने संभाला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद,तीनों सेना प्रमुखों से की मुलाकात,सरकार और सेना के बीच स्थापित करेंगे समनवय 

देश को पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानी सीडीएस मिल गया है। जनरल बिपिन रावत ने बुधवार को देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पदभार ग्रहण कर लिया है। सीडीएस का पद संभालने से पहले जनरल बिपिन रावत दिल्ली स्थित नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचे और वहां शहीदों को श्रद्धा-सुमन अर्पित किया। उन्होंने राष्ट्र के नाम जान कुर्बान करने वाले वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दी और उनको नमन किया।

नेशनल वॉर मेमोरियल में मीडिया से मुखातिब जनरल बिपिन रावत ने कहा, “सीडीएस के तौर पर मेरे पास तीनों सेनाओं को साथ मिलाकर काम करने का एक बेहद अहम काम है। हम एक ऐसी टीम की तरह काम करेंगे,जो 1+1+1 बराबर 3 नहीं, बल्कि 5 और 7 होंगे।” पत्रकारों की ओर से अपने राजनीतिक झुकाव को लेकर किए गए सवाल पर रावत ने कहा, “हम सत्ता में मौजूद सरकार के निर्देशों पर काम करते हैं, लेकिन राजनीति से जितना हो सके उतनी दूरी बनाकर रखते हैं।”

तीनों सेना के प्रमुख रहे मौजूद

वॉर मेमोरियल में आर्मी चीफ मनोज मुकंद नरवाणे,एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार भदौरिया और नेवी चीफ करमबीर सिंह जनरल रावत के स्वागत के लिए मौजूद रहे। यहां सेना के वरिष्ठ अफसरों ने देश के पहले सीडीएस को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। दरअसल, जनरल रावत ने पिछले दिनों छात्र आंदोलन को लेकर बयान दिया था। इस पर विपक्ष के कुछ नेताओं ने जनरल रावत पर राजनीतिक बयानबाजी का आरोप लगाया था।

देश के पहले CDS को प्रधानमंत्री ने दी बधाई

जनरल रावत को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बधाई दी। उन्होंने कहा, “नए साल और दशक की शुरुआत के साथ भारत को अपना पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ मिला। मैं उन्हें इस जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं देता हूं। वे एक शानदार अफसर हैं,जिन्होंने पूरे जोश से देश की सेवा की है। इसी के साथ मैं उन सभी को श्रद्धांजलि देता हूं,जिन्होंने देश की सेवा के लिए खुद को कुर्बान कर दिया। मैं करगिल में लड़ने वाले जवानों को भी याद करता हूं,उनके बाद ही हमारी सेना में सुधार पर चर्चा शुरू हुई और आज का ऐतिहासिक बदलाव सुनिश्चित हुआ।”

प्रधानमंत्री ने किया था सीडीएस पद के गठन का ऐलान

प्रधानमंत्री ने कहा, “15 अगस्त 2019 को मैंने लाल किले से कहा था कि भारत के पास जल्द चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ होगा। इस संस्थान के पास हमारी सेना के आधुनिकीकरण की अहम जिम्मेदारी होगी। सैन्य विशेषज्ञता वाले डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स बनने और सीडीएस का पद संस्थांगत होना महत्वपूर्ण कदम है। इससे देश को लगातार बदलते और चुनौतीपूर्ण युद्धक्षेत्र का सामना करने में मदद मिलेगी।

देश का सर्वोच्च रक्षा अधिकारी बने हैं जनरल रावत

भारत सरकार ने पहली बार इस पद का सृजन किया है। यह पहली बार है, जब भारत सरकार ने जनरल रावत को देश का सर्वोच्च रक्षा अधिकारी नियुक्त किया है। जनरल रावत ने 31 दिसंबर को आर्मी चीफ के रूप में तीन साल पूरे किए। वे 31 दिसंबर 2016 को सेना प्रमुख नियुक्त किए गए थे। अब वह सीडीएस के तौर पर 2022 तक सेवा देंगे। उनकी मुख्य भूमिका तीनों सेनाओं यानी थल, जल, वायु सेना के बीच तालमेल बनाने की होगी।

क्या होगी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की भूमिका?

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद यह तीनों सेनाओं का सर्वोच्च पद है। सीडीएस वह अकेला व्यक्ति होता है जो रक्षा योजनाओं और प्रबंधन पर सरकार को सलाह देता है। वह तीनों सेनाओं में कॉर्डिनेशन तो बनाएगा ही,साथ ही मैन पावर,उपकरण और एक्शन प्लान पर भी सरकार के संपर्क में रहेगा। किसी भी ऑपरेशन में तीनों सेनाओं की ज्वाइंट मैनशिप भी सुनिश्चित करेगा। इससे इंटेलिजेंस ग्रिड और नेशनल सिक्योरिटी में तालमेल सुनिश्चित हो पाएगा। इस पद पर बैठा शख्स तीनों सेनाओं का उपयोग सुनिश्चित करेगा।