जनरल बिपिन रावत सेना प्रमुख के पद से हुए रिटायर, देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में कल संभालेंगे कार्यभार, सेना के जवानों को दी शुभकामनाएं
जनरल बिपिन रावत मंगलवार को सेना प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त हो गए हैं। अपने कार्यकाल के आखिरी दिन उन्होंने वॉर मेमोरियल पर शहीदों को नमन किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी। साउथ ब्लॉक पर आज उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। बिपिन रावत ने 31 दिसंबर 2016 में सेना प्रमुख का कार्यभार संभाला था।
भारतीय थल सेनाध्यक्ष के रूप में तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के साथ ही जनरल बिपिन रावत मंगलवार को सेना प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त हो गए हैं। अपने कार्यकाल के आखिरी दिन उन्होंने वॉर मेमोरियल पर शहीदों को नमन किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी। साउथ ब्लॉक पर आज उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। बिपिन रावत ने 31 दिसंबर 2016 में सेना प्रमुख का कार्यभार संभाला था। तीन साल के कार्यकाल में उनकी अगुवाई में भारतीय सेना ने कई सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया।
बिपिन रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनने पर अमेरिका ने बधाई दी है। अमेरिका ने कहा कि उनकी नियुक्ति से दोनों देशों की सेनाओं के बीच संयुक्त सहयोग को मजबूत करने में मदद मिलेगी। बिपिन रावत कल यानी बुधवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के तौर पर कार्यभार संभालेंगे। सीडीएस का पद संभालने से पहले उन्होंने सेना के सभी जवानों को शुभकामनाएं दीं।
बिपिन रावत की जगह अब मनोज मुकुंद नरावणे देश के नए थल सेनाध्यक्ष बन गए हैं। नरावणे ने आज थल सेना प्रमुख के रूप में कार्यभार ग्रहण कर लिया। नरवणे इससे पहले जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन और पूर्वी मोर्चे पर इन्फेंट्री ब्रिगेड की कमान संभाल चुके हैं। ये श्रीलंका में इंडियन पीस कीपिंग फोर्स का भी हिस्सा थे और तीन साल तक म्यांमार में भी रहे। लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी यानी एनडीए और भारतीय सैन्य अकादमी यानी आईएमए से पास आउट हैं।
बिपिन रावत ने उम्मीद जताई है कि मनोज मुकुंद नरावले देश की सेना को और आगे ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ सिर्फ एक पद है,उस व्यक्ति को सेना के सभी जवान सहयोग करते हैं,उसी सहयोग से देश की सेना आगे बढ़ती है। उन्होंने कहा कि बिपिन रावत सिर्फ एक नाम है, ये ओहदा तभी बढ़ता है जब वह चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बनता है, सभी जवानों के साथ आने से ही सफलता मिलती है।
बिपिन रावत ने कहा कि अब जो नए प्रमुख आएंगे, वह अपने तरीके से कार्रवाई करेंगे। मुझे नहीं पता था कि मैं चीफ ऑफ आर्मी डिफेंस बनूंगा,अभी तक मैं आर्मी चीफ के तौर पर ही काम कर रहा था। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल में सेना का आधुनिकिकरण करना उनका एक बड़ा कदम था।
ज्ञात हो कि केंद्र सरकार की ओर से बिपिन रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ घोषित किया गया है। एक लंबी मांग के बाद सरकार की ओर से सीडीएस के पद को मंजूरी दी गई है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की जिम्मेदारी तीनों सेनाओं से जुड़े मामलों में रक्षामंत्री को सलाह देना होगा। सीडीएस ही रक्षामंत्री का प्रधान सैन्य सलाहकार होगा। हालांकि, सैन्य सेवाओं से जुड़े विशेष मामलों में तीनों सेनाओं के चीफ पहले की तरह रक्षामंत्री को सलाह देते रहेंगे।
जनरल बिपिन रावत शिमला के सेंट. एडवर्ड स्कूल से पढ़ाई की और बाद में नेशनल डिफेंस अकादमी गए। दिसंबर, 1978 को 11 गोरखा रायफल्स की पांचवीं बटालियन में बिपिन रावत को कमिशन किया गया। अपने 38 साल के कार्यकाल में उन्हें कई गैलेंटरी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
Comments (0)