सांसदों-विधायकों के बहुमत पर नहीं, वोटों की संख्या के आधार पर बने सरकार- सत्य बहुमत पार्टी

सत्य बहुमत पार्टी के अध्यक्ष सत्यदेव चौधरी ने द इंडिया प्लस को बताया कि उन्होंने आरटीआई के जरिए संवैधानिक संस्थाओं से बहुमत की परिभाषा जानना चाहा, लेकिन कहीं से कोई स्पष्ट उत्तर नहीं मिला कि कुल सीटों का 50 फीसदी से एक अधिक जीते हुए जन-प्रतिनिधियों का समर्थन ही सरकार बनाने का सटीक फॉर्मूला है और इसे ही बहुमत माना जाए।  उन्होंने बताया कि यह लोकतंत्र में एक परिपाटी चलती आ रही है, जिसे सभी पार्टीयां अनुसरण कर रही हैं। ये एक दोषपूर्ण परंपरा है, जिसकी वजह से ही हरियाणा में धुर-विरोधी दो दल मिलकर सरकार बना लेते हैं और महाराष्ट्र में गठबंधन के दो दल मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए लड़ रहे हैं।

सांसदों-विधायकों के बहुमत पर नहीं, वोटों की संख्या के आधार पर बने सरकार-  सत्य बहुमत पार्टी
A Special Interview Of Satyadev Chaudhary, National President of Satya Bahumat Party

देश में भ्रष्टाचार मुक्त राजनीतिक विकल्प के बदले गठबंधन मुक्त राजनीतिक विकल्प की अवश्यकता है। इससे ही देश की दशा और दिशा दोनों बदल सकती है। गठबंधन मुक्त राजनीति से ही भ्रष्टाचार मुक्त राजनीति का रास्ता प्रशस्त होगा। सभी राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक समस्याओं का कारण गठबंधन की भ्रष्ट राजनीति ही है। सत्य बहुमत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्यदेव चौधरी ने द इंडिया प्लस न्यूज से खास बातचीत में ये बातें कही। 

सत्यदेव चौधरी ने कहा कि जब किसी दल या पार्टी के उमीदवारों की जीत वोटों के आधार पर होती है, तो सरकार के गठन के लिए बहुमत सदस्यों के आधार पर क्यों? जिस प्रकार से एक सदस्य के चुनाव में बहुमत की परिभाषा होती है, वही परिभाषा सरकार के गठन के लिए क्यों नहीं होती? सत्यदेव जी की मानना है कि जब सांसद, विधायक और अन्य जन-प्रतिनिधि वोटों के बहुमत के आधार पर चुने जाते हैं, तो फिर सरकार का चुनाव भी वोटों के बहुमत के आधार पर ही होना चाहिए, ना कि जीते हुए जन-प्रतिनिधि के संख्या बल पर। सत्यदेव चौधरी और उनकी सत्य बहुमत पार्टी का विचार है कि सरकार उस पार्टी की बने जो पुरे देश में अन्य पार्टी के मुकाबले सबसे अधिक वोट प्राप्त किया हो, भले ही उसके सदस्य कम जीते हों। 

सत्यदेव चौधरी का साफ कहना है कि हमारे लोकतंत्र में संख्याबल का जुगाड़ करना ही गठबंधन को जन्म देता है और बेमेल गठबंधन ही भ्रष्टाचार को जन्म देता है। यहीं से कई बुराईयों ,भ्रष्टाचार ,लालच, घोटाले को पनपने की खुराक मिलती है। उन्होंने कहा कि गठबंधन मुक्त राजनीति से भ्रष्टाचार मुक्त राजनीति का सपना साकार हो सकता है।  सत्यदेव चौधरी ने द इंडिया प्लस को बताया कि उन्होंने आरटीआई के जरिए संवैधानिक संस्थाओं से बहुमत की परिभाषा जानना चाहा, लेकिन कहीं से कोई स्पष्ट उत्तर नहीं मिला कि कुल सीटों का 50 फीसदी से एक अधिक जीते हुए जन-प्रतिनिधियों का समर्थन ही सरकार बनाने का सटीक फॉर्मूला है और इसे ही बहुमत माना जाए। 

उन्होंने बताया कि यह लोकतंत्र में एक परिपाटी चलती आ रही है, जिसे सभी पार्टीयां अनुसरण कर रही हैं। ये एक दोषपूर्ण परंपरा है, जिसकी वजह से ही हरियाणा में धुर-विरोधी दो दल मिलकर सरकार बना लेते हैं और महाराष्ट्र में गठबंधन के दो दल मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए लड़ रहे हैं। ऐसी स्थिति में खरीद-फरोख्त से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। इससे पहले कर्नाटक में बीजेपी ज्यादा सीट पाकर भी सरकार नही बना पाई थी, झारखंड में एक निर्दलीय विधायक सरकार बना लेता है और पूर्वोत्तर में कांग्रेस बड़ी पार्टी हो कर भी विपक्ष में बैठती है। इतना ही नहीं चुनाव होने के बावजूद, जनता के फैसले के बावजूद, कोर्ट में बैठे कुछ न्यायाधीश अपने विवेक से फैसला लेते हैं। 

सत्यदेव चौधरी का मानना है कि यह परिपाटी बदलनी चाहिए, ज्ससे कि सही मायने में देश का विकास हो सके, जनता से किए वादे पूरे किए जा सकें और ये तभी संभव है, जब जन-प्रतिनिधि के साथ-साथ सरकार का चुनाव भी वोटों के बहुमत के आधार पर किया जाए। लिहाजा, सत्य बहुमत पार्टी का लक्ष्य है गठबंधन की राजनीति को जड़ से समाप्त करना और देश के गरीब और इमानदार मतदाताओं को न्यायप्रिय और लोकप्रिय व्यवस्था देना है।

सत्यदेव चौधरी ने बड़े ही बेबाकी से कहा कि देश में आज से नहीं आजादी के बाद से ही देश के मतदाताओं की आंखों में धूल झोंका जा रहा है। उस वक्त बड़ी चालाकी से गठबंधन की राजनीति से सरकारें बनाने का काम शुरु हुआ और आज भी उसी गठबंधन की भ्रष्ट राजनीति का अनुसरण किय जा रहा है। उन्होंने कहा कि गठबंधन की भ्रष्ट राजनीति के कारण ही अच्छे से अच्छे नेता भी भ्रष्टाचार मुक्त सरकारी व्यवस्था देने में सफल नहीं हो पाए हैं। सांसदों और विधायकों के बहुमत से सरकार बनाना ही गठबंधन की भ्रष्ट राजनीति है,जिसमें चाहे हो किसी भी प्रकार से, लेकिन भ्रष्ट समझौते किए बिना सरकार बनाना सम्भव है ही नहीं।

सत्यदेव चौधरी ने कहा कि सत्य बहुमत न तो हारने की राजनीति है और ना ही घाटे की, इसलिए सत्य बहुमत की राजनीति से सहमत होकर जो लोग उनसे जुड़ने चाहते हैं, उनका स्वागत है। सत्य बहुमत की राजनीति को समर्थन और सहयोग देकर भारत को विश्व का सर्वश्रेष्ठ और शक्तिशाली राष्ट्र बनाने में सहयोगी बनकर गर्व का अनुभव करेंगे। सत्य बहुमत की राजनीति से जुड़कर देश का विकास संभव है।