महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के बीच नहीं बन पा रही बात,50-50 फॉर्मूले पर अड़ी शिवसेना,बीजेपी से लिखित में मांगा आश्वासन

शिवसेना इस बात पर अड़ी हुई है कि सरकार का गठन 2.5-2.5 साल के फॉर्मूले पर होना चाहिए, यानी कि 2.5 साल बीजेपी का मुख्यमंत्री और 2.5 साल शिवसेना का मुख्यमंत्री होना चाहिए। हालांकि बीजेपी की तरफ से इस पर अभी तक कोई स्थित स्पष्ट नहीं है। उधर, मुंबई में ठाकरे निवास मातोश्री के बाहर 'महाराष्ट्र सीएम आदित्य ठाकरे' का पोस्टर भी लग गया है।

महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के बीच नहीं बन पा रही बात,50-50 फॉर्मूले पर अड़ी शिवसेना,बीजेपी से लिखित में मांगा आश्वासन
GFX of Maharashtra CM Devendra Fadanvis, Uddav and Aditya Thakre
महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के बीच नहीं बन पा रही बात,50-50 फॉर्मूले पर अड़ी शिवसेना,बीजेपी से लिखित में मांगा आश्वासन
महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के बीच नहीं बन पा रही बात,50-50 फॉर्मूले पर अड़ी शिवसेना,बीजेपी से लिखित में मांगा आश्वासन
महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के बीच नहीं बन पा रही बात,50-50 फॉर्मूले पर अड़ी शिवसेना,बीजेपी से लिखित में मांगा आश्वासन
महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के बीच नहीं बन पा रही बात,50-50 फॉर्मूले पर अड़ी शिवसेना,बीजेपी से लिखित में मांगा आश्वासन

महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच बात बनते फिलहाल नहीं दिख रही है। शिवसेना 50-50 फॉर्मुले पर अड़ी हुई है। शिवसेना से बीजेपी से इस फार्मूले पर लिखित आश्वासन मांगा है। बीजेपी और शिवसेना के बीच सरकार बनाने को लेकर अभी भी पेंच फंसा हुआ है।

शिवसेना इस बात पर अड़ी हुई है कि सरकार का गठन 2.5-2.5 साल के फॉर्मूले पर होना चाहिए, यानी कि 2.5 साल बीजेपी का मुख्यमंत्री और 2.5 साल शिवसेना का मुख्यमंत्री होना चाहिए। हालांकि बीजेपी की तरफ से इस पर अभी तक कोई स्थित स्पष्ट नहीं है। उधर, मुंबई में ठाकरे निवास मातोश्री के बाहर 'महाराष्ट्र सीएम आदित्य ठाकरे' का पोस्टर भी लग गया है।

मातोश्री में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक के बाद प्रताप सारनिक ने कहा, 'हमारी बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जैसे अमित शाह जी ने लोकसभा चुनावों से पहले 50-50 फॉर्मूले का वादा किया था, उसी तरह दोनों सहयोगी दलों को 2.5-2.5 साल तक सरकार चलाने का मौका मिलना चाहिए, शिवसेना का भी मुख्यमंत्री बनना चाहिए। उद्धव जी को यह आश्वासन बीजेपी से लिखिन में मिलना चाहिए।' 

सारनिक ने कहा, 'उद्धव जी चाहते हैं कि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व चाहे अमित शाह हों या देवेंद्र फडणवीस यह लिखित में दें कि बीजेपी 50:50 के फॉर्मूले पर टिकेगी और दोनों दलों के बीच मुख्यमंत्री की सीट समान रूप से साझा की जाएगी।' उन्होंने कहा, 'हम कुछ कारणों से चुनावों में सीटों का बंटवारे 50:50 के फार्मूले से नहीं कर सके। लेकिन अब समय आ गया है कि बीजेपी चुनाव पूर्व वादे को पूरा करे। सरकार तभी बनेगी जब बीजेपी इसे लिखित में देगी कि मुख्यमंत्री की कुर्सी को समान रूप से बांटा जाएगा।

बीजेपी को दिए गए शिवसेना के इस प्रस्ताव पर कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार ने कहा, 'गेंद बीजेपी के पाले में है, यह शिवसेना को तय करना है कि वे 5 साल का मुख्यमंत्री चाहते हैं या 2.5 साल की मांग पर बीजेपी की प्रतिक्रिया का इंतजार करते हैं। यदि शिवसेना का प्रस्ताव हमारे पास आता है, तो हम हाईकमान से चर्चा करेंगे।'  इससे पहले उन्होंने कहा, 'हमें विपक्ष की भूमिका दी गई है और हम उस भूमिका को निभाएंगे लेकिन अगर किसी विकल्प पर चर्चा की जानी है, तो शिवसेना को हमारे पास आना चाहिए, उन्होंने अभी तक हमसे संपर्क नहीं किया है।'

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का इस मामले में कहना है कि बीजेपी, शिवसेना के मुख्यमंत्री पद को बांटने की मांग को नही मानेगी, अगर 56 सीट जीतने वाली शिवसेना ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग करती है, तो बीजेपी उसके साथ कोई समझौता नहीं करेगी।

इन सब के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता प्रफुल्ल पटेल ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी विपक्ष में रहकर एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा ‘हम सरकार बनाने में कोई भूमिका नहीं चाहते हैं, बीजेपी-शिवसेना को जनादेश मिला है, इसलिए उन्हें शुभकामनाएं।

ऐसे में कहा जा सकता है कि शिवसेना अपनी मांग पूरी करवाने के लिए बीजेपी के सामने अड़ गई है। अगर बीजेपी इस प्रस्ताव को नहीं मानती है, तो शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस से समर्थन लेकर सरकार बना सकती है। सत्ता से बीजेपी को दूर रखने के लिए कांग्रेस और एनसीपी शिवसेना का समर्थन कर सकती हैं।