महाराष्ट्र में ईडी ने शिवसेना नेता पर एक बार फिर कार्रवाई की है, क्या है 1,000 करोड़ का वह घोटाला, जिसमें संजय राउत की पत्नी और दोस्त का नाम

महाराष्ट्र में ईडी ने शिवसेना नेता पर एक बार फिर कार्रवाई की है। ईडी ने संजय राउत के परिवार और कंपनी से जुड़ी करोड़ी की संपत्ति कुर्क कर दी है। इसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति गर्मा गई है। ईडी का कहना है कि यह घोटाला एक हजार करोड़ से ज्यादा का है। वहीं संजय राउत ने कहा है कि वह डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा, मैं कोई नीरव मोदी, या अंबानी अडानी नहीं हूं। मैं छोटे से मकान में रहता हूं। जो संपत्ति मेहनत की कमाई से ली थी ईडी उसे घोटाला बता रही है।

महाराष्ट्र में ईडी ने शिवसेना नेता पर एक बार फिर कार्रवाई की है, क्या है 1,000 करोड़ का वह घोटाला, जिसमें संजय राउत की पत्नी और दोस्त का नाम

महाराष्ट्र में ईडी ने शिवसेना नेता पर एक बार फिर कार्रवाई  की है। ईडी ने  संजय राउत के परिवार और कंपनी से जुड़ी करोड़ी की संपत्ति कुर्क कर दी है। इसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति गर्मा गई है। ईडी का कहना है कि यह घोटाला एक हजार करोड़ से ज्यादा का है। वहीं संजय राउत ने कहा है कि वह डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा, मैं कोई नीरव मोदी, या अंबानी अडानी नहीं हूं। मैं छोटे से मकान में रहता हूं। जो संपत्ति मेहनत की कमाई से ली थी ईडी उसे घोटाला बता रही है।

महाराष्ट्र सरकार ने ईडी के कुछ अधिकारियों के खिलाफ जबरन वसूली के आरोपों को लेकर एक विशेष जांच दल गठित कर दिया है। आइए जानते हैं कि आखिर संजय राउत पर जिस 1000 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगा है, वह आखिर क्या है और इसमें उनकी पत्नी और दोस्त का नाम क्यों आया है?

ईडी ने संजय राउत की पत्नी और दोस्त प्रवीण राउत की 11 करोड़ की प्रॉपर्टी अटैच की है। यह कार्रवाई पीएमएलए के तहत की गई है। ईडी मुंबई के गोरेगांव में पात्रा चॉल स्कैम मामले में जांच कर रही थी।

क्या है पात्रा चॉल स्कैम?

प्रवीण राउत संजय राउत के एक करीबी हैं। वह गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर हैं। वह पात्रा चॉल रीडिवेलपमेंट प्रोजेक्ट में शामिल थे। यहां माहाराष्ट्र हाउसिंग एरिया डिवेलपमेंट अथॉरिटी की 47 एकड़ जमीन थी। यहां 672 किराएदारों को मकान दिए गए थे। 

प्रवीण राउत को पात्रा चॉल  प्रोजेक्ट को विकसित करने का काम दिया गया था जिससे 672 किराएदारों को  बसाया जा सके। गुरु आशीष  कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एमएचएडीए और किराएदारों के बीच त्रिपक्षीय समझौता करके प्रोजेक्ट डिवेलप करने का काम किया था। यहीं से यह पूरा मामला शुरू हुआ। 

वित्तीय जांच एजेंसी के मुताबिक प्रवीण राउत के साथ एचडीआईएल राकेश कुमार वाधवान, सारंग वाधवान और गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के दूसरे डायरेक्टर ने मिलकर गैरकानूनी तरीके से फ्लोर स्पेस इंडेक्स बेच दिए। फ्लोर स्पेस इंडेक्स वह एरिया होता है जिसमें बिल्डर को फ्लैट बनाने की अनुमति मिलती है। यह एरिया अलग-अलग बिल्डर को 1034 करोड़ रुपये में बेचा गया।