ISRO को मिली एक और कामयाबी, लॉन्च हुआ उपग्रह GSAT-30, संचार क्षेत्र में आएगी क्रांति

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो देश-दुनिया में भारत का मान बढ़ा रहा है। वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत और लगन का ही नतीजा है कि इसरो ने एक संचार उपग्रह जीसैट-30 को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। यह सैटेलाइट दक्षिण अमेरिका के उत्तरपूर्वी तट पर कौरो के एरियर प्रक्षेपण तट से छोड़ा गया।

ISRO को मिली एक और कामयाबी, लॉन्च हुआ उपग्रह GSAT-30, संचार क्षेत्र में आएगी क्रांति
GFX of ISRO Satellite GSAT-30 Launched
ISRO को मिली एक और कामयाबी, लॉन्च हुआ उपग्रह GSAT-30, संचार क्षेत्र में आएगी क्रांति
ISRO को मिली एक और कामयाबी, लॉन्च हुआ उपग्रह GSAT-30, संचार क्षेत्र में आएगी क्रांति

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो नित्यप्रति नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। इसरो देश-दुनिया में भारत का मान बढ़ा रहा है। वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत और लगन का ही नतीजा है कि इसरो ने एक संचार उपग्रह जीसैट-30 को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। यह सैटेलाइट दक्षिण अमेरिका के उत्तरपूर्वी तट पर कौरो के एरियर प्रक्षेपण तट से छोड़ा गया। इसरो का यह साल 2020 का पहला मिशन था। 

बताया जा रहा है कि इस सैटेलाइट से भारत में संचार क्रांति आएगी। यह इनसैट सैटेलाइट की जगह काम करेगा। इससे सरकारी और प्राइवेट कंपनियों को संचार लिंक प्रदान करने की क्षमता बढ़ेगी। इसरो के अधिकारियों ने बताया है कि GSAT-30 के कम्यूनिकेशन पेलोड को अधिकतम ट्रांसपोंडर लगाने के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है।

सैटेलाइट का इस्तेमाल व्यापक रूप से वीसैट नेटवर्क, टेलीविजन अपलिंकिंग, टेलीपोर्ट सेवाएं, डिजिटल सैटलाइट खबर संग्रहण (डीएसएनजी), डीटीएच टेलीविजन सेवाओं के साथ जलवायु परिवर्तन को समझने और मौसम की भविष्यवाणी करने के लिए किया जाएगा।

जीसैट-30 का वजन करीब 3100 किलोग्राम है। यह 15 सालों तक काम करता रहेगा। इसे जियो-इलिप्टिकल ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा। इसमें दो सोलर पैनल होंगे और बैटरी होगी जिससे इसे ऊर्जा मिलेगी। यह 107वां एरियन 5वां मिशन है। कंपनी के 40 साल पूरे हो गए हैं।