JDU में नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर अंतर्विरोध,पार्टी ने सदन में बिल का किया समर्थन,उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने बताया निराशाजनक
जेडीयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने कहा, ‘‘इस बिल का समर्थन निराशाजनक है, जो धर्म के आधार पर भेदभाव करता है। यह जेडीयू के संविधान से मेल नहीं खाता,जिसके पहले पन्ने पर ही 3 बार धर्मनिरपेक्ष लिखा है। हम गांधी की विचारधारा पर चलने वाले लोग हैं।’’
लोकसभा से पारित होने वाले नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर जनता दल (यूनाइटेड) में अंतर्विरोध शुरु हो गया है। ऊपरी सदन में विधेयक के समर्थन का फैसला जेडीयू के कुछ नेताओं को रास नहीं आ रहा है, लिहाजा विरोध के स्वर सुनाई दे रहे हैं। विरोध करने वाला भी कोई और नहीं जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के खासमखास प्रशांत किशोर हैं। प्रशांत किशोर ने पार्टी के निर्णय पर सवाल खड़े किए हैं।
दरअसल, जेडीयू ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन किया। इसे लेकर पार्टी उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने ट्विटर पर विरोध जताया। ट्वीटर के माध्यम से उन्होंने कहा, ‘‘इस बिल का समर्थन निराशाजनक है, जो धर्म के आधार पर भेदभाव करता है। यह जेडीयू के संविधान से मेल नहीं खाता,जिसके पहले पन्ने पर ही 3 बार धर्मनिरपेक्ष लिखा है। हम गांधी की विचारधारा पर चलने वाले लोग हैं।’’ प्रशांत किशोर ने 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रचार अभियान की कमान संभाली थी।
इस बीच बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने प्रशांत किशोर पर तंज कसा है। जायसवाल ने कहा कि बहुत लोग राजनीति में समाजसेवा के लिए आते हैं। बहुत से लोग ऐसे हैं, जिनका धंधा राजनीति है। धंधा करने वाला अपने मालिक (ममता बनर्जी) का ख्याल तो रखेगा ही। उसे मालिक से पैसे मिलते हैं।’’ प्रशांत इस समय बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के चुनाव कैंपेन की कमान संभाल रहे हैं।
इससे पहले सोमवार को सदन में हुई चर्चा में जेडीयू सांसद ललन सिंह ने कहा कि हम बिल का समर्थन करते हैं। अगर पाकिस्तान में सताए गए अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता दी जाती है तो यह सही है। यह बिल धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ नहीं है। नागरिकता संशोधन बिल सोमवार रात लोकसभा में पास हुआ। वोटिंग में बिल के पक्ष में 311 और विपक्ष में 80 वोट पड़े।
जेडीयू में यह पहली बार नहीं है जब प्रशांत किशोर पार्टी से इतर राय दी है। 5 मार्च 2019 को मुजफ्फरपुर में पार्टी की छात्र इकाई के कार्यक्रम में प्रशांत ने खुद को किंगमेकर बताया था। उन्होंने कहा था कि अगर वे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बनाने में मदद कर सकते हैं, तो बिहार के युवाओं को सांसद, विधायक या फिर मुखिया बनाने में भी मदद कर सकते हैं। इस पर जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा था कि किसी को यह गलतफहमी न हो कि वह किसी को सांसद या विधायक बना सकते हैं। लोकतंत्र में मतदाता ही उम्मीदवार के किस्मत का फैसला करते हैं।
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