प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा से नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होने पर जताई खुशी,विधेयक का समर्थन करने वाले सांसदों और पार्टियों के प्रति जताया आभार
प्रधानमंत्री ने कहा, 'प्रसन्नता है कि लोकसभा ने एक समृद्ध और व्यापक बहस के बाद नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित किया है। मैं विभिन्न सांसदों और पार्टियों को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने विधेयक का समर्थन किया। यह विधेयक भारत के सदियों पुराने लोकाचार और मानवीय मूल्यों में विश्वास के अनुरूप है।'
लोकसभा से नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 को मंजूरी मिल गई है। सोमवार को निचली सदन में चली लंबी बहस के बाद विधेयक के पक्ष में 311 मत और विरोध में 80 मत पड़े। अब बुधवार को राज्यसभा में यह बिल पेश किया जाएगा। लोकसभा से बिल पास होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी का इजहार किया।
ट्वीटर के माध्यम से प्रधानमंत्री ने गृह मंत्री अमित शाह की भी तारीफ की। प्रधानमंत्री ने कहा, 'प्रसन्नता है कि लोकसभा ने एक समृद्ध और व्यापक बहस के बाद नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित किया है। मैं विभिन्न सांसदों और पार्टियों को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने विधेयक का समर्थन किया। यह विधेयक भारत के सदियों पुराने लोकाचार और मानवीय मूल्यों में विश्वास के अनुरूप है।'
प्रधानमंत्री ने कहा ,”मैं नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 के सभी पहलुओं को स्पष्ट रूप से समझाने के लिए गृह मंत्री अमित शाह जी की विशेष रूप से सराहना करना चाहूंगा। उन्होंने लोकसभा में चर्चा के दौरान संबंधित सांसदों द्वारा उठाए गए विभिन्न बिंदुओं के विस्तृत जवाब भी दिए।“
लोकसभा में 6-7 घंटे तक चली बहस के बाद पारित होने वाले विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। मुस्लिमों को इसमें नहीं जोड़ा गया है, जिसे लेकर विपक्षी पार्टियों की ओर से लगातार हंगामा और विधेयक का विरोध भी किया जा रहा है।
सदन में विधेयक पर चर्चा के दौरान विरोधी दलों की ओर से उठाए गए सवालों के जवाब में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जिन देशों को इसमें शामिल किया गया है,वहां मुसलमान अल्पसंख्यक नहीं है, अगर वो होते तो उन्हें भी जोड़ा जाता। अमित शाह ने कहा कि यह विधेयक लाखों करोड़ों शरणार्थियों के यातनापूर्ण नरक जैसे जीवन से मुक्ति दिलाने का साधन बनने जा रहा है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक कहीं से भी असंवैधानिक नहीं है और संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं करता है। अगर इस देश का विभाजन धर्म के आधार पर नहीं होता, तो सरकार को विधेयक लाने की जरूरत ही नहीं पड़ती।
गृह मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री रहते हुए देश में किसी धर्म के लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। यह सरकार सभी को सम्मान और सुरक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है। जब तक नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं, संविधान ही सरकार का धर्म है। उन्होंने स्पष्ट किया कि रोहिंग्या को कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा। एनआरसी आकर ही रहेगा और फिर एक भी घुसपैठिया नहीं बचेगा।
अमित शाह ने कहा कि शरणार्थी और घुसपैठिए के बीच अंतर होता है। जो लोग उत्पीड़न के कारण, अपने धर्म और अपने परिवार की महिलाओं के सम्मान को बचाने के लिए आते हैं, वे शरणार्थी हैं और जो लोग अवैध रूप से यहां आते हैं, वे घुसपैठिए हैं।
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