JNU हिंसा : बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती,कैंपस छोड़ रहे हैं धबराये छात्र, संभावित प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली के कई इलाकों में रूट डायर्जन

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पथराव और हिंसा के बाद बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। सुरक्षाकर्मियों को छात्रावासों, प्रशासनिक खंड और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों के बाहर तैनात किया गया है। पुलिस ने परिसर में फ्लैगमार्च भी किया। जेएनयू प्रशासन ने एफआइआर दर्ज करा दी है। करीब 50 छात्र हिरासत में लिए गए हैं।

JNU हिंसा : बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती,कैंपस छोड़ रहे हैं धबराये छात्र, संभावित प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली के कई इलाकों में रूट डायर्जन
Pic of Security Forces In JNU
JNU हिंसा : बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती,कैंपस छोड़ रहे हैं धबराये छात्र, संभावित प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली के कई इलाकों में रूट डायर्जन
JNU हिंसा : बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती,कैंपस छोड़ रहे हैं धबराये छात्र, संभावित प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली के कई इलाकों में रूट डायर्जन
JNU हिंसा : बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती,कैंपस छोड़ रहे हैं धबराये छात्र, संभावित प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली के कई इलाकों में रूट डायर्जन
JNU हिंसा : बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती,कैंपस छोड़ रहे हैं धबराये छात्र, संभावित प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली के कई इलाकों में रूट डायर्जन
JNU हिंसा : बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती,कैंपस छोड़ रहे हैं धबराये छात्र, संभावित प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली के कई इलाकों में रूट डायर्जन

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पथराव और हिंसा के बाद बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। सुरक्षाकर्मियों को छात्रावासों, प्रशासनिक खंड और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों के बाहर तैनात किया गया है। पुलिस ने परिसर में फ्लैगमार्च भी किया। जेएनयू प्रशासन ने एफआइआर दर्ज करा दी है। करीब 50 छात्र हिरासत में लिए गए हैं।

विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से केवल वैध पहचान पत्र वाले छात्रों को ही परिसर के अंदर जाने की अनुमति दी जा रही है। मीडिया सहित किसी भी बाहरी लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित है।  जेएनयू में हमले के लिए वामपंथी छात्र संगठनों और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक दूसरे को दोषी बताया है।

इस बीच विश्वविद्यालय में हुई हिंसा के बाद घबराए छात्र-छात्राओं ने कैंपस छोड़कर घर जाना शुरू कर दिया है। छात्र-छात्रा का कहना है कि हिंसा करने वाले लोग बाहर से आए थे, उनके हाथ में लाठी-डंडे थे।यहां पर हालात ठीक नहीं हैं, लिहाजा, वे कैंपस छोड़कर अपने-अपने घर जा रहे हैं।

रविवार को नकाबपोश लोगों के हमले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष सहित कम से कम 28 लोग घायल हो गए, जिन्हें एम्स में भर्ती कराया गया,घायल छात्रों में से 23 छात्रों को इलाज के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है,जबकि कुछ छात्र अब भी विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं।

जेएनयू हिंसा का असर देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी देखने को मिल रहा है। मुंबई में गेट-वे ऑफ इंडिया पर छात्रों का प्रदर्शन जारी है। जेएनयू हिंसा का असर सोमवार को दिल्ली में भी देखने को भी मिल सकता है। जेएनयू में हिंसा के विरोध में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बाहर सोमवार को प्रदर्शन हो सकता है। ऐसे में पुलिस ने रूट डायवर्जन कर दिया है।

आक्रोशित छात्र प्रदर्शन कर सकते हैं। इस बाबत दिल्ली के कई इलाकों में रूट डायर्जन किया गया है। छात्र-छात्राओं के संभावित प्रदर्शन को देखते हुए मथुरा रोड और कालिंदी कुंज के बीच 13A को बंद कर दिया गया है। कालिंदी कुंज बंद होने के कारण सिर्फ बारापुला नहीं मथुरा रोड, रिंग रोड,आउटर रिंग रोड और डीएनडी पर भी जाम लग रहा है। ऐसे में लोगों को सलाह दी गई है कि वे इस रास्ते का इस्तेमाल नहीं करें। वाहन चालकों से कहा गया है कि वे नोएडा से आ रहे लोगों को डीएनडी और अक्षरधाम के जरिये जाने की सलाह दी है।

जेएनयू हिंसा को लेकर सियासी गर्माहट भी जारी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर बैठक हुई,जिसमें बैठक में राज्य के सभी मंत्री और वरिष्ठ आम आदमी पार्टी के नेता मौजूद रहे। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर जोएनयू घटना की भर्त्सना की और इसकी न्यायिक जांच कराने की मांग की है। वहीं, बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने  भी जेएनयू हिंसा की कड़े शब्दों में निंदा की है।

ज्ञात हो कि रविवार को हुई हुई हिंसा में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष के सिर पर गंभीर चोट आई है। हॉकी और रॉड से लैस 12 से अधिक नकाबपोश बदमाशों ने जेएनयू परिसर में घुसकर छात्रों और शिक्षकों पर हमला कर दिया। उपद्रवियों ने विश्विद्यालय की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया। हमले में 28 विद्यार्थी और तीन शिक्षक अतुल सूद, सौगता भादुड़ी और सुचरिता घायल हुए हैं।

गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से घटना की जानकारी ली और जांच के आदेश दिए हैं। जेएनयू के छात्र रह चुके विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घटना की निंदा की है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से बात की और पुलिस को तुरंत दिशा-निर्देश जारी करने के लिए अनुरोध किया।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा घायलों से मिलने एम्स पहुंचीं और घटना के लिए बीजेपी समेत केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताया। अन्य विपक्षी पार्टियों ने भी बीजेपी पर निशाना साधा। घटना के बाद देर शाम वामपंथी संगठनों से जुड़े छात्र आइटीओ स्थित दिल्ली पुलिस के मुख्यालय पहुंच गए और प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। इनमें दिल्ली विश्वविद्याल, अलिगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अंबेडकर विश्वविद्यालय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और जवाहरलाल विश्वविद्यालय के छात्र और एसएफआइ से जुड़े छात्र शामिल थे।