जानिए, बदली व्यवस्था में बिहार पुलिस अब कैसे कर रही है काम?
बिहार के तमाम थानों में एक थानाध्यक्ष के अलावे दो अपर थानाध्यक्ष भी होंगे। साथ हीं एक मालखाना प्रभारी भी होगा। बिहार के बड़े अनुमंडल में सहयाक एसडीपीओ की भी तैनाती होनी है। पुलिस जोन को भी खत्म कर दिया गया है। अब सिर्फ रेंज ही रह जाएंगे। बड़े रेंज में आईजी और छोटे रेंज में डाईजी की तैनाती कर दी गई है।
बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने और आपराधिक मामलों के अनुसंधान में गति प्रदान करने के उद्देश्य से पुलिसिंग में बड़ा बदलाव किया है। सरकार के इस फैसले के बाद बिहार पुलिस की व्यवस्था बदल गई है। थानों से लेकर पुलिसिंग तक में बदलाव दिखने लगे हैं। राज्य के 994 थानों में पुलिस की दो टीम बनाई गई हैं। एक टीम कानून-व्यवस्था को संभाल रही है, तो दूसरी टीम को अनुसंधान की जिम्मेदरी सौंपी गई है।
प्रदेश के तमाम थानों में एक थानाध्यक्ष के अलावे दो अपर थानाध्यक्ष भी होंगे। साथ हीं एक मालखाना प्रभारी भी होगा। बिहार के बड़े अनुमंडल में सहयाक एसडीपीओ की भी तैनाती होनी है। हालांकि सरकार ने अबतक सहायक एसडीपीओ की तैनाती नहीं की है। संभावना है कि आज यानी 16 अगस्त तक वैसे बड़े अनुमंडलों में सहयाक एसडीपीओ की तैनाती हो जाएगी, जहां इनकी जरूरत होगी। 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस से ही पुलिस जोन को खत्म कर दिया गया है। अब सिर्फ रेंज ही रह जाएंगे। बड़े रेंज में महानिरिक्षक (आईजी) और छोटे रेंज में उप-महानिरिक्षक (डाईजी) की तैनाती कर दी गई है।
आपको बताते चलें कि बिहार में कुल 1074 थाने हैं, जिनमें से अनुसूचित जाति एवं जनजाति और महिला थानों की संख्या 80 है। इन 80 थानों में सिर्फ अनुसंधान का काम होता है, लिहाजा इनमें कार्य बंटवारे का कोई मतलब नहीं है। बाकी बचे हुए 994 थानों में कानून-व्यवस्था और अनुसंधान देखने के लिए दो अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं। दोनों टीमें अपनी-अपनी जिम्मेदारियां संभाल चुकी हैं।
एक थानाध्यक्ष और दो अपर थाना प्रभारी
कानून-व्यवस्था और अनुसंधान की जिम्मेदारी में किसी तरह की कोई दिक्कत न हो इसके लिए थानों में दो अपर प्रभारी होंगे। एक अनुसंधान तो दूसरा कानून-व्यवस्था देखेगा। इनकी तैनाती कर दी गई है। थाने में मौजूद पुलिस अधिकारियों के बीच भी काम का बंटवारा कर दिया गया है। सरकार द्वारा 50-50 प्रतिशत बल को दोनों इकाइयों में रखने के आदेश दिए गए हैं। हालांकि स्थानीय जरूरतों के मुताबिक 75 प्रतिशत तक अनुसंधान और 25 प्रतिशत पुलिस अधिकारी कानून-व्यवस्था के काम में लगाए जा सकते हैं।
दागदार नहीं रहेंगे थानेदार
थाना प्रभारी और सर्किल इंस्पेक्टर के पद पर अब दागदार अधिकारी तैनात नहीं होंगे। पुलिस मुख्यालय के आदेश पर ऐसे 384 पुलिस अधिकारियों की छुट्टी 8 अगस्त तक कर दी गई थी। भविष्य में भी अब इन पदों पर सरकार के मापदंड में फिट नहीं बैठने वाले पुलिस अधिकारियों को तैनात नहीं किया जाएगा।
जोनल आईजी की जगह सिर्फ रेंज
सरकार के इस निर्णय के बाद जोनल आईजी के पद को समाप्त कर दिया गया है। इनकी जगह सिर्फ रेंज ही रहेगा। पटना, भागलपुर, दरभंगा और मुजफ्फरपुर को जोन की जगह पुलिस रेंज में बदल दिया गया है। बेगूसराय को नया पुलिस रेंज बनाया गया है।
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