जनसंख्‍या नियंत्रण पर RJD का स्‍टैंड, भाई वीरेन्‍द्र बोले-लोकप्रियता के लिए मुद्दे उछालती है BJP, सर्वदलीय बैठक बुलाए सरकार

जनसंख्‍या नियंत्रण पर RJD का स्‍टैंड, भाई वीरेन्‍द्र बोले-लोकप्रियता के लिए मुद्दे उछालती है BJP, सर्वदलीय बैठक बुलाए सरकार

बढ़ती जनसंख्‍या की रोकथाम के लिए कानून बनाने को लेकर बिहार में भी मांग उठ रही है। बुधवार को विधानसभा में भी इसकी गूंज सुनाई पड़ी। ध्यानाकर्षण प्रस्‍ताव के माध्यम से कई विधायकों ने दो बच्चों के प्रावधान को बिहार में लागू करने की मांग उठाई। इसके साथ ही उन्‍होंने जनसंख्या पर वर्ष 1999 की करुणाकरण कमेटी के सुझावों को लागू करने की भी मांग की। इस बीच इस मुद्दे पर राष्‍ट्रीय जनता दल (राजद) का स्‍टैंड साफ करते हुए पार्टी के मुख्‍य प्रवक्‍ता भाई वीरेन्‍द्र ने कहा कि भाजपा लोकप्रियता हासिल करने वाले मुद्दे को ही उछालती है। जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सर्वदलीय बैठक में विचार होना चाहिए।

बुधवार को बिहार विधानसभा में पहली बार जनसंख्या नियंत्रण को लेकर मांग उठी। भाजपा और जेडीयू के विधायकों ने मुखर होकर ऐसे कानून की वकालत की। विधायक अवधेश सिंह, विजय कुमार खेमका, कृष्‍ण कुमार ऋषि और डॉ सुनील कुमार ने यह मांग उठाई। भाजपा विधायक विजय खेमका ने कहा उन्हें पूरी उम्मीद है कि उनकी यह मांग सुनी जाएगी। बिहार में भी जनसंख्या नियंत्रण कानून बनना चाहिए। जेडीयू के विधायक विनय चौधरी ने कहा कि जनसंख्‍या नियंत्रण के लिए कानून के साथ-साथ जागरूकता अभियान भी चलाया जाना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि जनसंख्‍या नियंत्रण के लिए प्रदेश सरकार लगातार अभियान चला रही है।

कांग्रेस ने भी इस मांग का समर्थन किया। पार्टी विधायक नीतू सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाए जाने के पक्ष में शुरू से है। संजय गांधी ने तो इसके लिए विशेष अभियान चलाने की भी बात कही थी। उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस इस बात की पक्षधर है कि बिहार में जनसंख्या नियंत्रण कानून बने लेकिन किसी जाति समुदाय या धर्म के लोगों को लक्षित करके ऐसा नहीं किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कानून पर पिछले दिनों मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने योगी सरकार से अलग राय व्‍यक्‍त की थी। लेकिन बुधवार को सदन में जेडीयू विधायक, भाजपा के सुर में सुर मिलाते दिखे। विपक्ष की ओर से भी कानून के समर्थन में कुछ आवाजें सुनाई दीं। हालांकि सरकार ने इस पर कोई जवाब सदन में नहीं दिया बल्कि जवाब देने के लिए समय मांग लिया।