जानिए क्यों काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश होगा प्रतिबंधित ?

शिवभक्त इस वर्ष सावन के पावन महीने में काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में नहीं जा सकेंगे। देश दुनिया से जुटने वाले शिवभक्तों के लिए मंदिर प्रबंधन ने उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर की तरह गर्भगृह के बाहर से ही अभिषेक की व्यवस्था कराने का निर्णय किया है।

जानिए क्यों काशी  विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश होगा प्रतिबंधित ?
Pic of Kashi Temples
जानिए क्यों काशी  विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश होगा प्रतिबंधित ?
जानिए क्यों काशी  विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश होगा प्रतिबंधित ?

शिवभक्त इस वर्ष सावन के पावन महीने में काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में नहीं जा सकेंगे। देश दुनिया से जुटने वाले शिवभक्तों के लिए मंदिर प्रबंधन ने उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर की तरह गर्भगृह के बाहर से ही अभिषेक की व्यवस्था कराने का निर्णय किया है।  भक्तों को गर्भगृह में प्रवेश की इजाजत नहीं होगी। वे बाहर से बाबा के दर्शन करेंगे और गर्भगृह के दरवाजों पर रखे कलश के माध्यम से अभिषेक करेंगे। 

मंदिर प्रबंधन के अनुसार पिछले वर्ष की तुलना में अधिक भक्तों के आगमन की संभावना को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।  मंदिर के सीईओ विशाल सिंह ने बताया कि श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद की विगत बैठक में इस बिंदु पर भी चर्चा हुई थी। भक्तों को सहज दर्शन उपलब्ध कराने के लिए मंदिर प्रबंधन कुछ और कदम उठाएगा।

दरअसल, मंदिर के गर्भगृह के बाहर चारों दरवाजों पर कलश रखे जाएंगे। एक कलश की चौड़ाई 18 इंच होगी। कलशों को पाइप के सहारे गर्भगृह से जोड़ा जाएगा। इनमें छोड़ा जाने वाला गंगा जल अथवा दूध सीधे श्रीकाशी विश्वनाथ के ज्योतिर्लिंग पर गिरेगा। कम से कम समय में अधिक से अधिक भक्त बाबा का दर्शन और अभिषेक कर सकें, इसके लिए पूरे सावन भर झांकी दर्शन की व्यवस्था रहेगी।

सोमवार को होते हैं विशेष झांकी के दर्शन

सावन के प्रत्येक सोमवार को बाबा विश्वनाथ के अलग-अलग स्वरूपों की झांकी सजाई जाती है। इनमें शिव परिवार, शिव-पार्वती की चल प्रतिमा, बाबा की पंचबदन और भगवान शिव के रुद्राक्ष शृंगार की झांकी प्रमुख है। सावन के अन्य दिनों में बाबा की कौन सी झांकी सुलभ होंगी, इसका निर्णय अभी होना है।

सावन कब से कब तक है

बुधवार, 17 जुलाई श्रावण मास का पहला दिन
गुरुवार, 15 अगस्त श्रावण मास का अंतिम दिन

ये हैं सावन के चार सोमवार

पहला सोमवार, 22 जुलाई
दूसरा सोमवार, 29 जुलाई
तीसरा सोमवार, 05 अगस्त
चौथा सोमवार, 12 अगस्त 

शिवभक्तों का उमड़ता है सैलाब

सावन का पावन महीना आते ही शिवभक्त बाबा भोलेनाथ के दर्शन के लिए अपने-अपने घरों से निकल पड़ते हैं। हर-हर महादेव और बोल बम के जयघोष के साथ सभी भक्त माँ गंगा में स्नान करके जलकलश भरकर देवाधिदेव महादेव को अर्पण करते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं। पूरे महीने देशभर के शिवालयों में शिवभक्तों और श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। उत्तर प्रदेश के बनारस यानी काशी के काशी विश्वनाथ मंदिर में भी श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। शिवभक्त बोल बम का जयकारा लगाते हुए बाबा विश्वनाथ को जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक करते हैं। परंतु