महाराष्ट्र : चाचा शरद पवार की ही राह चले अजित पवार, शरद पवार भी अपने राजनीतिक जीवन ऐसा कर चुके हैं दो बार!

बात 1977 की है। आम चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी कांग्रेस (यू) और कांग्रेस (आई) में बंट गई। शरद पवार कांग्रेस (यू) में शामिल हुए। 1978 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दोनों हिस्सों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा। लेकिन राज्य में जनता पार्टी को रोकने के लिए साथ मिलकर सरकार बनाई। और फिर कुछ ही महीनों बाद शरद पवार ने कांग्रेस (यू) को भी तोड़ दिया और जनता पार्टी से जा मिले।

महाराष्ट्र : चाचा शरद पवार की ही राह चले अजित पवार, शरद पवार भी अपने राजनीतिक जीवन ऐसा कर चुके हैं दो बार!
Pic of NCP Leader and Deputy CM of Maharashtra Ajit Pawar
महाराष्ट्र : चाचा शरद पवार की ही राह चले अजित पवार, शरद पवार भी अपने राजनीतिक जीवन ऐसा कर चुके हैं दो बार!

कहते हैं कि इतिहास अपने आप को दोहराता है। महाराष्ट्र में भी कुछ ऐसा ही देखने के लिए मिल रहा है। महाराष्ट्र में सियासी उलटफेर के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार ने कहा कि पार्टी के खिलाफ जाने पर अजित पवार पर अनुशासनात्मक समिति फैसला लेगी। लेकिन आपको यह जानकार हैरानी होगी कि अजित पवार ने जो उनके साथ आज किया है, शरद पवार अपने राजनीतिक जीवन में वो काम दो बार कर चुके हैं। शरद पवार ऐसे नेता रहे हैं, जिन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत तो कांग्रेस पार्टी से की थी, लेकिन दो बार उसके ही खिलाफ गए। पहली बार 1978 में और दूसरी बार 1999 में।

कांग्रेस छोड़ जनता पार्टी से मिलाया हाथ

बात 1977 की है। आम चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी कांग्रेस (यू) और कांग्रेस (आई) में बंट गई। शरद पवार कांग्रेस (यू) में शामिल हुए। 1978 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दोनों हिस्सों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा। लेकिन राज्य में जनता पार्टी को रोकने के लिए साथ मिलकर सरकार बनाई। और फिर कुछ ही महीनों बाद शरद पवार ने कांग्रेस (यू) को भी तोड़ दिया और जनता पार्टी से जा मिले। जनता पार्टी के समर्थन से पवार 38 साल की उम्र में मुख्यमंत्री बन गए। वे राज्य के अब तक के सबसे युवा मुख्यमंत्री हैं। हालांकि, 1986 में शरद पवार फिर कांग्रेस में शामिल हुए और 26 जून 1988 से लेकर 25 जून 1991 के बीच दो बार मुख्यमंत्री बने।

सोनिया गांधी का विरोध कर बनाई एनसीपी

सोनिया गांधी को 1999 में कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने का शरद पवार, पीए संगमा और तारिक अनवर ने विरोध किया। इस वजह से तीनों को पार्टी से निकाल दिया गया और तीनों ने मिलकर 25 मई 1999 को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का गठन किया। इसके बाद लगातार 15 साल तक राज्य में राकांपा-कांग्रेस गठबंधन की सरकार रही।

चाचा के खिलाफ जाकर उपमुख्यमंत्री बने अजित पवार

22 नवंबर, दिन शुक्रवार और वर्ष 2019। जी हां, शुक्रवार शाम को तीनों पार्टियों (शिवसेना-कांग्रेस-राकांपा) के बीच बैठक के बाद शरद पवार ने उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने के संकेत दिए। लेकिन, शनिवार सुबह 5:47 बजे राज्य से राष्ट्रपति शासन हटाया गया और 7:30 बजे बीजेपी के देवेंद्र फडनवीस ने मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली।